Delhi Chalo March: दिल्ली मेरठ हाईवे जाम करेंगे किसान, भारतीय किसान यूनियन ने किया एलान

भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आह्वान पर गाजियाबाद के मोदीनगर में शुक्रवार को हाईवे जाम किया जाएगा। जागरण संवाददाता के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान तहसील के सामने इकट्ठा होने शुरू हो गए हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 12:03 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 04:26 PM (IST)
Delhi Chalo March: दिल्ली मेरठ हाईवे जाम करेंगे किसान, भारतीय किसान यूनियन ने किया एलान
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्गों पर चक्का जाम करेगी।

गाजियाबाद, जागरण न्यूज नेटवर्क। कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में उतरी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्गों पर चक्का जाम करेगी। भाकियू के प्रेस प्रवक्ता शमशेर राणा ने कहा कि भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के आह्वान पर गाजियाबाद के मोदीनगर में शुक्रवार को हाईवे जाम किया जाएगा। जागरण संवाददाता के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान तहसील के सामने इकट्ठा होने शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि किसान दिल्ली मेरठ हाईवे जाम करेंगे। इसकी उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है। वहीं, नोएडा में डीएनडी टोल प्लाजा के पास दिल्ली से नोएडा की तरफ आ रही सड़क पर यातायात सामान्य है। इसी तरह दिल्ली जाने वाली सड़क पर भी यातायात सामान्य है।

ए भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर सीएम व डीएम के नाम ज्ञापन दिया
वहीं, गाजियाबाद से सटे दादरी में दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआइसी) परियोजना के लिए चल रही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से प्रभावित गांवों के किसानों की बृहस्पतिवार को चिटहेरा गांव स्थित प्राइमरी स्कूल में बैठक हुई। बैठक में प्रभावित गांवों के किसानों को बाजार दर का चार गुणा मुआवजा, बीस फीसद भूखंड व प्रभावित किसानों के बच्चों को रोजगार आदि की मांग को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ व जिलाधिकारी सुहास एलवाई के नाम दादरी के एसडीएम को एक ज्ञापन दिया गया। किसानों ने आरोप लगाया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है। डीएमआइसी परियोजना के लिए प्राधिकरण ने जिन किसानों की जमीन बैनामा के माध्यम से ली थी,उनसे वादा किया था कि भविष्य में उन्हें नए कानून का लाभ भी दिया जाएगा लेकिन अब उनके साथ वादाखिलाफी की जा रही है। केवल अधिग्रहण से प्रभावित किसानों से ही सामाजिक प्रभाव का आकलन के फार्म भरवाए गए हैं जबकि रजिस्ट्री के समय किए गए वायदे के अनुसार उनके फार्म नहीं भरवाए गए हैं, यह किसानों के साथ अन्याय है। चिटेहरा, कटेहरा, पल्ला-पाली एवं बोड़ाकी आदि गांवों के किसानों ने सर्व सम्मति से फैसला लिया है कि सभी गांवों में जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगेंे नहीं मानी गई तो आंदोलन किया जाएगा।

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