फंगस में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शनों की किल्लत से अगले माह मिलेगी राहत, जानिए कैसे की जा रही तैयारी

तीनों का इलाज एंफोटेरिसीन-बी इंजेक्शन से होता है अभी प्रशासन के पास भी नहीं है। एंफोटेरिसीन-बी के डीलरों और केमिस्ट एसोसिएशन ने उम्मीद जताई है कि जून में इस इंजेक्शन की किल्लत से निजात मिल सकती है नौ के बजाए 15 कंपनियां इसका उत्पादन कर रही हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 27 May 2021 12:55 PM (IST) Updated:Thu, 27 May 2021 12:55 PM (IST)
फंगस में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शनों की किल्लत से अगले माह मिलेगी राहत, जानिए कैसे की जा रही तैयारी
इस इंजेक्शन की किल्लत से जून में राहत मिलेगी,अब नौ के बजाए 15 कंपनियां उत्पादन कर रही हैं।

गाजियाबाद, [आयुष गंगवार]। ब्लैक फंगस((म्यूकरमायकोसिस) के साथ व्हाइट (एस्परजिलोसिस) और येलो फंगस (मयूकरसेप्टिकस) का संक्रमण भी बढ़ रहा है। तीनों का इलाज एंफोटेरिसीन-बी इंजेक्शन से होता है, जो बाजार तो दूर अभी प्रशासन के पास भी नहीं है। एंफोटेरिसीन-बी के डीलरों और केमिस्ट एसोसिएशन ने उम्मीद जताई है कि जून में इस इंजेक्शन की किल्लत से निजात मिल सकती है, क्योंकि अब नौ के बजाए 15 कंपनियां इसका उत्पादन कर रही हैं।

रोजाना साल भर की खपत की जरूरत

एंफोटेरिसीन-बी की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूरे प्रदेश में सिर्फ चार मंडलों से ही आवेदन देने पर इंजेक्शन मिल रहा है। दवा व्यापारियों ने बताया कि जिले में इसके 10-12 डीलर ही हैं। बीते साल तक ब्लैक फंगस का एक या दो केस ही सामने आता था। इसी कारण एक डीलर पूरे साल में 20 इंजेक्शन भी नहीं बेच पाता था। आज की जरूरत के मुताबिक पहले कभी भी इस इंजेक्शन का उत्पादन भी नहीं हुआ। साल भर में बिकने वाले इंजेक्शनों से भी ज्यादा की जरूरत अब रोजाना पड़ रही है।

पड़े-पड़े खराब हो जाते थे इंजेक्शन

एंफोटेरिसीन-बी के डीलर नितिन अग्रवाल ने बताया कि वह हर साल औसतन 22-25 इंजेक्शन मंगाते हैं। कई बार 3-4 इंजेक्शन पड़े-पड़े खराब (डेट एक्सपायरी) हो जाते थे, जिन्हें लौटाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि बीती अप्रैल में कंपनी ने इंजेक्शन भेजे थे, लेकिन मई में ब्लैक फंगस के केस आने के बाद आपूर्ति नहीं मिली। नितिन के मुताबिक 10 जून के बाद इसकी किल्लत खत्म होने की उम्मीद है।

उन्होंने बताया कि अब न सिर्फ उत्पादन करने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ गई है, बल्कि हर कंपनी पहले से अधिक इंजेक्शन बना रही है। उनके मुताबिक यह कोई आम दवा नहीं है। इसके बनकर बाजार में आने में एक माह या इससे ज्यादा समय लगता है। हर इंजेक्शन बनने के बाद 15 दिन तक कंपनी के स्टोर में निरीक्षण (स्टेबिलिटी टेस्ट) के लिए रखा जाता है।

जून में एंफोटेरिसीन-बी का संकट खत्म होने की उम्मीद है। यदि स्टोर पर न भी मिला तो सरकार के पास एंफोटेरिसीन-बी का पर्याप्त स्टाक हो जाएगा।

- नितिन गर्ग, ड्रग डीलर।

यह इंजेक्शन कालोनी या स्थानीय बाजार के मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलता। इसीलिए दिक्कत हुई, लेकिन जल्द आपूर्ति सुचारू होगी।

- अमित बंसल, वरिष्ठ मंत्री, गाजियाबाद केमिस्ट एसोसिएशन।

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