गाजियाबाद में लॉकडाउन के दौरान बदमाश हुए लॉक, अपराध घटकर हुआ आधा
लॉकडाउन के अप्रैल माह में सभी लोग अपने घरों में कैद हो गए। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। इस दौरान थानों में भी शिकायतें आनी कम हो गई।
गाजियाबाद [हसीन शाह]। गाजियाबाद में लॉकडाउन के दौरान अपराधी भी लॉक हो गए। लॉकडाउन में अपराध घटकर आधा से भी कम गया। इस साल अप्रैल, मई व जून माह में जनपद के सभी थानों में 2199 केस दर्ज हुए हैं। इनमें भी ज्यादातर मुकदमें लॉकडाउन का उल्लंघन करने की धारा में दर्ज हुए हैं। संगीन अपराधों की संख्या कम हैं। वहीं, पिछले इस अप्रैल, मई, जून माह में 4542 मुकदमें दर्ज हुए थे। इनमें बड़ी संख्या में संगीन अपराध शामिल हैं। लॉकडाउन के तीन महीनों में संगीन अपराध में कमी आई है।
लॉकडाउन के अप्रैल माह में सभी लोग अपने घरों में कैद हो गए। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। इस दौरान थानों में भी शिकायतें आनी कम हो गई। लॉकडाउन में पुलिस को बैंकों में घटना होने का ज्यादा खतरा था। लिहाजा बैंको के आस-पास पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई थी। लॉकडाउन के दौरान संगीन अपराध होने की बजाय घरेलू हिंसा में इजाफा हुआ था।
लॉकडाउन के दौरान महिला थाने में महज दो एफआइआर
घरेलू हिंसा बढ़ने पर जिला महिला कल्याण विभाग को लॉकडाउन में महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करना पड़ा था। आपातकालीन सेवा यूपी 112, विमेन पॉवर लाइन, राज्य महिला आयोग में शिकायों में इजाफा हुआ था। हालांकि महिला थाने में शिकायतें ज्यादा नहीं थी। महिलाएं लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की शिकायतें करने थाने तक नहीं पहुंच सकीं। ज्यादातर महिलाओं ने फोन पर ही शिकायतें की थी।
लॉकडाउन के दौरान तीन महीनों में महिला थाने में महज दो एफआइआर दर्ज हुईं। यानी सबसे कम एफआइआर महिला थाने में ही दर्ज हुई। जबकि लॉकडाउन के तीन महीनों में थाना सिहानी गेट में 244 सबसे ज्यादा एफआइआर दर्ज की गई। इंदिरापुरम थाने में 103, कविनगर 193, कौशांबी 39, खोड़ा 105, नगर कोतवाली 148, ट्रोनिका सिटी 101, टीमामोड़ 64, निवाड़ी 63, भोजपुर 89, मुरादनगर 143, मसूरी 91, मोदीनगर 136, लिंक रोड 60, लोनी 136, लोनी बोर्डर 150, विजय नगर 230 और साहिबाबाद थाने में 102 मुकदमें दर्ज हुए हैं।
वहीं, पिछले साल 2019 अप्रैल, मई व जून में जनपद के सभी थानों में 4542 केस दर्ज हुए थे। इनमें संगीन अपराधों की संख्या ज्यादा है। हालांकि पिछले साल ऐसे भी थाने रहे, जिनमें तीन महीनों में एक भी एफआइआर दर्ज नहीं हुई। कौशांबी, टीलामोड़ में पिछली साल तीन महीनों में एक भी एफआइआर दर्ज नहीं हुई। पिछले साल तीन माह में सबसे ज्यादा 641 एफआइआर दर्ज हुई थीं।
लॉकडाउन का उल्लंघन पर ज्यादा कार्रवाई
अपराध के केस दर्ज नहीं हुए, लेकिन लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस की कार्रवाई का चाबुक खूब चला। वहीं वाहनों के चालान भी खूब किए गए हैं। सभी थानों प्रभारियों को यातायात का उल्लंघन करने वालों के चालान करने का प्रतिदिन लक्ष्य तय किया गया। मास्क नहीं लगाने वालों पर भी कार्रवाई की गई।
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि 300 से ज्यादा लोगों की हिस्ट्रीशीट हो खेली गई हैं। बैरिकेडिंग कर प्रतिदिन चेकिंग की जा रही है। अपराधियों के प्रति सख्ती बरती जा रही है। पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है।