औद्योगिक क्षेत्र में ग्राउंड वाटर का दोहन रोकने के लिए निगम खर्च करेगा 239 करोड़ रुपये, जीडीए बेचेगा पानी

नगर निगम 239 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इन रुपयों से फैक्टरियों को इंदिरापुरम में स्थित जीडीए के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का शोधित पानी टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए और शोधित कर 43 से 113 रुपये प्रति हजार लीटर की दर पर फैक्टरियों को बेचेगा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 04:43 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 04:43 PM (IST)
औद्योगिक क्षेत्र में ग्राउंड वाटर का दोहन रोकने के लिए निगम खर्च करेगा 239 करोड़ रुपये, जीडीए बेचेगा पानी
साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में स्थित 1,706 फैक्टरियों द्वारा रोजाना 40 हजार लीटर भू-गर्भ जल का दोहन किया जाता है।

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में स्थित 1,706 फैक्टरियों द्वारा रोजाना 40 हजार लीटर भू-गर्भ जल का दोहन किया जाता है। जिसे रोकने के लिए नगर निगम 239 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इन रुपयों से फैक्टरियों को इंदिरापुरम में स्थित जीडीए के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का शोधित पानी टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए और शोधित कर 43 से 113 रुपये प्रति हजार लीटर की दर पर फैक्टरियों को बेचेगा। जिससे की प्रोजेक्ट की लागत में हुए खर्च की भरपाई हो सके। इसके लिए फैक्टरियों के मालिकों से 14 साल तक के लिए अनुबंध किया गया है।

ऐसे जुटाए गए हैं रुपये:

239 करोड़ रुपये का इंतजाम करने के लिए नगर निगम ने देश का पहला ग्रीन बॉन्ड जारी किया है। 89 करोड़ रुपये का इंतजाम नगर निगम द्वारा खुद किया जाएगा।

इंदिरापुरम में सर्वे के लिए बनाई गई संयुक्त टीम

निगम अफसरों का कहना है कि नगर निगम द्वारा इंदिरापुरम में सीवर व्यवस्था को और जीडीए के एसटीपी को टेकओवर करने की तैयारी है। इसके लिए नगर निगम, जल निगम और जीडीए की एक संयुक्त टीम बनाई गई है, जो सर्वे कर रही है। ज्वाइंट टीम के सर्वे रिपोर्ट पर अगर सहमति बनती है तो प्रस्ताव को सदन में लाया जाएगा। सदन की अनुमति के बाद इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।

इंदिरापुरम को निगम को हैंडओवर करने की मांग

फेडरेशन ऑफ एओए के संस्थापक आलोक कुमार का कहना है कि इंदिरापुरम को नगर निगम के हैंडओवर न किए जाने के कारण स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भवन मालिकों से नगर निगम हाउस टैक्स वसूलता है और पानी, सीवर की व्यवस्था के लिए जीडीए अनुरक्षण शुल्क लेता है। यह अनुरक्षण शुल्क नगर निगम द्वारा लिए अन्य स्थानों से लिए जाने वाले शुल्क की अपेक्षा ज्यादा है। इसलिए पूरे इंदिरापुरम को नगर निगम के हैंडओवर किया जाना चाहिए, जिससे की स्थानीय निवासियों की बचत हो सके। इस संबंध में जल्द ही अधिकारियों से वार्ता करेंगे।

नगर आयुक्त का बयान

सहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट चार की फैक्टरियों को पानी मुहैया कराने के लिए जो प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, उसमें किसी भी वजह से कोई रुकावट नहीं आएगी। कोरोना की वजह से प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने में देरी हुई है। हालांकि अब कार्य में तेजी लाकर समय पर प्रोजेक्टर को पूरा किया जाएगा। - महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त।

जीडीए सचिव का बयान

इंदिरापुरम को नगर निगम के हैंडओवर करने के लिए जीडीए द्वारा दस साल से प्रयास किया जा रहा है लेकिन नगर निगम इंदिरापुरम को टेकओवर नहीं कर रहा है। जीडीए के एसटीपी को नगर निगम के हैंडओवर करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।

- संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए

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