नौकरी, शादी और पैसे का लालच देकर करते ब्रेनवॉश, फिर कराते लोगों का मतांतरण, पकड़े गए आरोपी बयां कर रहे सच

डासना देवी मंदिर में दो जून की रात घुसे संदिग्ध विपुल विजयवर्गीय(रमजान) व कासिफ के मामले में खुफिया एजेंसियों को पूछताछ में खासी अहम जानकारी मिल रही हैं। विपुल विजयवर्गीय नागपुर के जिस कट्टरपंथी संगठन से जुड़ा है इसके तार देश भर में जुड़े होने का अंदेशा है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 03:45 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 03:45 PM (IST)
नौकरी, शादी और पैसे का लालच देकर करते ब्रेनवॉश, फिर कराते लोगों का मतांतरण, पकड़े गए आरोपी बयां कर रहे सच
नागपुर के संगठन के देश भर में तार जुड़े होने का है अंदेशा।

गाजियाबाद, [आशुतोष गुप्ता]। मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में दो जून की रात घुसे संदिग्ध विपुल विजयवर्गीय(रमजान) व कासिफ के मामले में खुफिया एजेंसियों को पूछताछ में खासी अहम जानकारी मिल रही हैं। विपुल विजयवर्गीय नागपुर के जिस कट्टरपंथी संगठन से जुड़ा है, इसके तार देश भर में जुड़े होने का अंदेशा है। यह संगठन मतांतरण के लिए लोगों को नौकरी, शादी, आर्थिक सहयोग का लालच देकर ब्रेनवॉश करता है। बाद में इनसे मतांतरण कराते हैं। इसके लिए वह ऐसे जरुरतमंद लोगों की तलाश करते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं या जिनके पास रोजगार नहीं है।

अंदेशा है कि यह संगठन पूर्व में बड़ी संख्या में लोगों का मतांतरण करा चुका है। इस बिंदू पर भी एजेंसियां पूछताछ कर रही है। विपुल विजयवर्गीय भी इस मुहिम में काफी समय से जुड़ा हुआ है।जांच में आया है कि विपुल विजयवर्गीय को भी मतांतरण के लिए लालच दिया गया था। मुंबई के मौलाना मुंजीर ने विपुल का ब्रेनवॉश किया था। इसके बाद उसने विपुल का संपर्क विजयनगर निवासी सलीमुद्दीन से कराया था।

सलीमुद्दीन ने विपुल को यूनानी पद्धति से पैरामेडिकल की पढ़ाई कराई और उर्दू की तालीम देकर उसे पैरों पर खड़ा किया। सलीमुद्दीन ने विपुल के मतांतरण के बाद उसे रमजान बनाकर उसका निकाह अपने मित्र की बेटी यानी कासिफ की बहन आयशा से कराया। निकाह के बाद विपुल का नागपुर में एक छोटा सा क्लीनिक भी खुलवाया गया। इसके बाद उसका ब्रेनवॉश कर उसे मुस्लिम धर्म के प्रचार-प्रसार के बाद मतांतरण की मुहिम में शामिल किया गया।

महंत यति नरसिंहानंद ने कभी नहीं मांगी सुरक्षा

डासना देवी के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पर पूर्व में कई बार हमले के असफल प्रयास हो चुके हैं। अभी एक माह पूर्व ही दिल्ली की स्पेशल सेल ने आतंकी कश्मीर निवासी जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर को गिरफ्तार किया था। वह भी पाकिस्तान में बैठे जैश के एक आतंकी के कहने पर आया था। पूछताछ में आरोपित ने बताया था कि मंदिर में मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है, इसलिए वह साधू के वेश में मंदिर में घुसकर महंत यति नरसिंहानंद की हत्या करने की फिराक में था।

महंत यति काफी पहले से आतंकियों के निशाने पर हैं। पूर्व में कई आतंकी व कट्टरपंथी संगठनों ने यति नरसिंहानंद का सिर कलम करने के लिए इनाम की घोषणा कर चुके हैं। इसके बावजूद उन्होंने आजतक सरकार से सुरक्षा की मांग नहीं की। एक खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए कभी पत्र लिखा ही नहीं। उनके समर्थक जरुर सुरक्षा की मांग करते रहे हैं। हालांकि यति नर¨सहानंद के विरोधी अक्सर कहते हैं कि वह खास सुरक्षा पाने के लिए बयानबाजी करते हैं।

सलीमुद्दीन की रिमांड अर्जी पर आज होगा फैसला

शुक्रवार को जेल गए विपुल के गुरु सलीमुद्दीन के उकसाने पर ही वह अपने साले कासिफ के साथ मंदिर में आया था। पुलिस ने सलीमुद्दीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने सलीमुद्दीन का कोर्ट से रिमांड मांगा है। रिमांड अर्जी पर कोर्ट आज फैसला देगी। रिमांड मंजूर होने के बाद उससे नए सिरे से पूछताछ होगी। इस पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिलने का अंदेशा है। विपुल और कासिफ अभी 15 जून तक कस्टडी रिमांड पर हैं। देश की कई एजेंसियों दोनों ने पूछताछ कर रही हैं।

ये हुई थी घटना

दो जून की रात करीब नौ बजे दो युवक मंदिर परिसर में घुसे। एक व्यक्ति ने बाहर पुलिसकर्मियों के पास रजिस्टर में अपनी एंट्री विपुल विजयवर्गीय नागपुर व दूसरे ने काशी गुप्ता सेक्टर 23 संजयनगर के नाम से कराई। भीतर जाने पर सेवादारों को दोनों पर शक हुआ और उन्होंने दोनों के बैग की तलाशी ली। बैग में तीन सर्जिकल ब्लेड, दवाएं (केमिकल), धार्मिक किताबें व दो लोहे के स्केल बरामद हुए थे। सेवादारों ने दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया था। इस मामले में महंत के करीबी अनिल यादव ने महंत की हत्या का शक जताते हुए मसूरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। काशी गुप्ता के नाम से एंट्री कर मंदिर परिसर में घुसने वाले का असली नाम कासिफ है।

इन सवालों के उत्तर से होगा साजिश का पर्दाफाश

- मंदिर के गेट पर बोर्ड लगा है कि यहां मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है, इसके बाद भी आरोपित मंदिर में क्यों गए?

- पुलिसकर्मियों ने कहा कि महंत यति नरसिंहानंद मंदिर में नहीं है, इसके बाद भी वह मंदिर में क्यों घुसे?

- विपुल ने रजिस्टर में अपनी एंट्री तो सही नाम से की लेकिन कासिफ का नाम काशी गुप्ता क्यों लिखा?

- 27 मई से विपुल विजयवर्गीय गाजियाबाद था, वह दिन में मंदिर में क्यों नहीं आया, मंदिर में आने के लिए रात का समय ही क्यों चुना?

- छह घंटे तक वह किताब की दुकान पर क्यों रुके रहे, आखिर शाम होने का इंतजार वह क्यों कर रहे थे?

- वह मंदिर परिसर में तब ही क्यों घुसे जब महंत यति नर¨सहानंद पूजा-पाठ में तल्लीन होते हैं? और बिना सुरक्षा के होते हैं?

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