Back Pain Treatment: लंबे समय तक एक ही पोस्चर में बैठना कहीं बिगाड़ ना दें आपकी सेहत

Back Pain Treatment गाजियाबाद के न्यूरोसर्जन डॉ मनीष वैश्य ने बताया कि यदि कमरदर्द की शुरुआती समस्या को गंभीरता से लिया जाए तो नहीं आती सर्जरी की नौबत लेकिन स्थिति बिगड़ गई तो आपरेशन से ही मिलता है समाधान...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 02 Feb 2021 01:35 PM (IST) Updated:Tue, 02 Feb 2021 01:35 PM (IST)
Back Pain Treatment: लंबे समय तक एक ही पोस्चर में बैठना कहीं बिगाड़ ना दें आपकी सेहत
। पूरी डिस्क निकालने के बाद वहां कृत्रिम डिस्क प्रत्यारोपित की जाती है।

नई दिल्ली, जेएनएन। Back Pain Treatment एक अनुमान के मुताबिक हर पांच में से एक भारतीय कमर की मामूली से लेकर गंभीर समस्या से पीड़ित है। पहले ये समस्या केवल उम्रदराज लोगों में ही होती थी, लेकिन अब युवाओं में भी इसके मामले बढ़े हैं। लंबे समय तक एक ही पोस्चर में बैठना और गैजेट्स के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ने से कमरदर्द की समस्या आम होती जा रही है। कमरदर्द की मामूली समस्या को जीवनशैली में बदलाव लाकर ठीक किया जा सकता है, लेकिन समस्या बढ़ने पर उपचार जरूरी हो जाता है।

अगर उपचार कराने के बाद भी कमरदर्द ठीक न हो तो आपरेशन कराने से न घबराएं, क्योंकि एमईएस (माइक्रो एंडोस्कोपी स्पाइन) विधि ने इस तरह के आपरेशन को काफी आसान और कारगर बना दिया है। रीढ़ की हड्डी के अलावा कमर की बनावट में र्कािटलेज (डिस्क), जोड़, मांसपेशियां, लिगामेंट आदि शामिल होते हैं। इनमें से किसी के भी विकारग्रस्त होने से कमरदर्द हो सकता है। इससे खड़े होने, झुकने और मुड़ने में बहुत तकलीफ होती है। अगर शुरुआती दर्द में ही उचित कदम उठा लिए जाएं तो यह समस्या गंभीर रूप नहीं लेगी।

उपचार के विकल्प: अगर कमरदर्द की समस्या मामूली है तो उसे दवाओं और कुछ उपचारों से ठीक किया जा सकता है। इसके ज्यादा गंभीर होने जैसे रीढ़ की हड्डी का मुड़ जाना, डिस्क डैमेज हो जाना आदि स्थिति में आपरेशन का विकल्प अपनाया जाता है।

नॉन-र्सिजकल उपाय: आमतौर पर 90-95 फीसद कमरदर्द की समस्या को बिना आपरेशन के दवाइयों, व्यायाम और पोस्चर करेक्शन से ठीक किया जा सकता है। केवल 5-10 फीसद मामलों में ही जब मरीज परंपरागत उपचारों से ठीक नहीं होता तो आपरेशन की जरूरत पड़ती है। इनमें चिकित्सक एक्स-रे, एमआरआई या सीटी स्कैन के द्वारा कमरदर्द के कारणों का पता लगाकर उपचार का विकल्प चुनते हैं।

आपरेशन: इसमें डॉक्टर पूरी डिस्क को या इसे आंशिक रूप से बाहर निकालते हैं। पूरी डिस्क निकालने के बाद वहां कृत्रिम डिस्क प्रत्यारोपित की जाती है। इसके अलावा स्पाइन फ्यूजन के द्वारा भी कमर की हड्डी की मजबूती फिर से पाई जा सकती है। इस आपरेशन को कराने के बाद कुछ महीनों तक ड्राइविंग करने, वजन उठाने, आगे की ओर झुकने और लंबे समय तक बैठने जैसे कामों से बचा जाता है।

ऐसे में जरूरी होती है सर्जरी लगातार कमर में तेज दर्द रहना चलते समय कमर का दर्द नीचे पैरों तक पहुंच जाना पैरों में सुन्नपन महसूस करना हाथों या पैरों में चुभन महसूस होना झुकने या ज्यादा देर बैठने पर दर्द अत्यधिक बढ़ जाना

ये है एमईएस विधि: माइक्रो एंडोस्कोपी स्पाइन (एमईएस) आपरेशन ने उन लोगों के लिए उपचार का बेहतर विकल्प उपलब्ध कराया है, जो लगातार दर्द और परेशानी में रहते हैं। स्पाइन से संबंधित समस्याओं के उपचार में यह बहुत कारगर है। इस आपरेशन में कम समय लगता है और जोखिम भी कम रहता है। इसे कराने के बाद मरीज 2-3 दिन में ही सामान्य स्थिति में आ जाता है।

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