UP Conversion Case: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में 6 मदरसों ने बनवा रखे थे फर्जी प्रमाण पत्र

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में छह ऐसे मदरसे पाए गए हैं जिन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र बनवा रखे थे। इसके अलावा दो मदरसों के पास कोई प्रमाण पत्र ही नहीं मिला है। हैरानी की बात है कि ये सभी मदरसे स्कूल के नाम से संचालित हो रहे थे।

By Jp YadavEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 09:17 AM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 09:17 AM (IST)
UP Conversion Case: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में 6 मदरसों ने बनवा रखे थे फर्जी प्रमाण पत्र
UP Conversion Case: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में 6 मदरसों ने बनवा रखे थे फर्जी प्रमाण पत्र

गाजियाबाद [हसीन शाह]। मतांतरण के मुख्य सूत्रधार उमर गौतम के मदरसे की खोज करते वक्त दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में छह ऐसे मदरसे पाए गए हैं, जिन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र बनवा रखे थे। इसके अलावा, दो मदरसों के पास कोई प्रमाण पत्र ही नहीं मिला है। हैरानी की बात है कि ये सभी मदरसे स्कूल के नाम से संचालित हो रहे थे। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इन मदरसों पर कार्रवाई का खाका खींच लिया है। नोटिस भेजने के बाद इन पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने की जांच शुरू कर दी गई है। वहीं, उमर गौतम के मदरसे की खोज जारी है। उमर गौतम मतांतरण कराने के लिए दिल्ली में दावा सेंटर चलाता था। इस सेंटर में ही लोगों का मतांतरण किया जाता था।

एजेंसियों को इनपुट मिला था कि उमर का गाजियाबाद में भी मदरसा संचालित है। इस जानकारी के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग सतर्क हो गया। विभाग ने जिले में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी। विभाग को 30 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसा संचालित होने का इनपुट मिला था। इसके बाद विभाग ने जमीनी स्तर पर मदरसों को खंगालना शुरू किया।

हैरानी तो इस बात की है कि छह मदरसों ने मदरसा संचालित करने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र कहां से और किस इरादे से बनवाए थे? विभाग ने इसकी जांच शुरू कर दी है। प्रमाण पत्रों की कापी को कब्जे में ले लिया है। ये मदरसे स्कूल के नाम से चोरी-छिपे संचालित हो रहे थे।

अमृता सिंह (जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी) कहना है कि जिले में फर्जी मदरसों की तलाश की जा रही है। स्कूल के नाम से संचालित हो रहे छह मदरसों के पास फर्जी प्रमाण पत्र पाए गए हैं। दो मदरसों के पास प्रमाण पत्र नहीं था। इनको नोटिस भेजने के बाद एफआइआर दर्ज की जाएगी। फर्जी मदरसों की खोज जारी रहेगी।

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