सीवर के बाद कूड़ा कलेक्शन का काम प्राइवेट कंपनी को सौंपेगा नगर निगम
जासं गाजियाबाद शहर में सीवर की व्यवस्था की देखरेख का जिम्मा नगर निगम से हटाकर शासन न
जासं, गाजियाबाद: शहर में सीवर की व्यवस्था की देखरेख का जिम्मा नगर निगम से हटाकर शासन ने निजी कंपनी को सौंपा है। इसकी वजह से शहरियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम के अधिकारियों ने शासन को भी इस मामले से अवगत कराया है। महापौर आशा शर्मा ने मंगलवार को नगर निगम कार्यालय में आयोजत कार्यकारिणी की बैठक में भी यह मामला उठाया और कंपनी के खिलाफ सख्ती करने की बात कही। दूसरी तरफ, नगर निगम शहर में घरों से कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था भी निजी कंपनी को सौंपने की तैयारी में है। इस संबंध में नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे पास कर दिया गया है। अधिकारियों का दावा है कि इससे शहर में गंदगी और प्रदूषण दोनों समस्या से निजात मिलेगी। कंपनी कहीं सीवर व्यवस्था का कार्य करने वाली कंपनी की तरह ही लापरवाही न करे, इसलिए पहले एक जोन में 100 वाहन किराये पर लेकर तीन माह तक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कार्य देखा जाएगा।
दरअसल, नगर निगम शहर के प्रत्येक जोन में घरों से कूड़ा कलेक्शन के लिए 100-100 वाहन किराये पर लेगा। इसके लिए ई-टेंडर किया जाएगा। ये वाहन इलेक्ट्रिक या सीएनजी से चलने वाले होंगे। जिससे प्रदूषण कम होगा। दूसरी तरफ वाहनों को चलाने के लिए कर्मचारी भी वाहन मुहैया कराने वाली कंपनी ही उपलब्ध कराएगी। घरों से इकट्ठा किया गया कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट तक इन गाड़ियों से लाया जाएगा। इसके बाद वहां से डंपिग ग्राउंड तक कूड़ा ले जाने के लिए जो बड़ी गाड़ियां हैं, उनके मेंटेनेंस और संचालन के कार्य के लिए अलग से टेंडर छोड़ा जाएगा। ऐसे में नगर निगम के जो सफाई कर्मचारी वाहन चालक का कार्य कर रहे हैं, वह अपने मूल पद पर वापस आ जाएंगे। नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि इस व्यवस्था से न केवल गंदगी और प्रदूषण से निजात मिलेगी बल्कि कूड़ा कलेक्शन में सालाना होने वाले खर्च में भी कमी आएगी।