अपनी नाकामी छिपा रहा नगर निगम

जासं गाजियाबाद शहर में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था ठीक नहीं है। इससे नगर निगम को जगह-जगह डंपिग ग्राउंड बनाने पड़े। लोगों के विरोध करने और मामला एनजीटी तक पहुंचने पर नगर निगम द्वारा दूसरी जगह डंपिग ग्राउंड बनाया जाता है। ऐसे में शहरियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:33 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:33 PM (IST)
अपनी नाकामी छिपा रहा नगर निगम
अपनी नाकामी छिपा रहा नगर निगम

जासं, गाजियाबाद: शहर में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था ठीक नहीं है। इससे नगर निगम को जगह-जगह डंपिग ग्राउंड बनाने पड़े। लोगों के विरोध करने और मामला एनजीटी तक पहुंचने पर नगर निगम द्वारा दूसरी जगह डंपिग ग्राउंड बनाया जाता है। ऐसे में शहरियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इंदिरापुरम शक्ति खंड में बना डंपिग ग्राउंड : वर्ष 2015 में नगर निगम व जीडीए ने इंदिरापुरम स्थित शक्ति खंड चार में अस्थाई डंपिेंग ग्राउंड बनाया। वर्ष 2017 में यहां पर कूड़े का पहाड़ बन गया। रात में कूड़े में आग लगाई जाती थी। गंदगी व धुएं से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मामला एनजीटी तक पहुंचा तब यहां कूड़ा डालना बंद किया गया। इसके बाद सिद्धार्थ विहार में डंपिग ग्राउंड बनाया गया। इससे न केवल स्थानीय निवासियों को बल्कि मकनपुर में रहने वाले लोगों को भी कूड़े की बदबू के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। मामला एनजीटी में पहुंचा तो यहां भी कूड़ा डालना बंद किया गया। इसके बाद मोरटा और शाहपुर में दो डंपिग ग्राउंड बनाए। यहां 2021 तक कूड़ा डाला गया। यह मामला भी एनजीटी में पहुंचा। इसके बाद कूड़ा डालना बंद किया गया। अब राजनगर एक्सटेंशन में बनाया डंपिग ग्राउंड: नगर निगम ने अब राजनगर एक्सटेंशन में मिग्सन सोसायटी के पास डंपिग ग्राउंड बनाया है। यहां पर गड्ढा खोदा गया और अब कूड़े को यहां पर डाला जा रहा है। राजनगर एक्सटेंशन के निवासी इसका विरोध कर रहे हैं। आरोप है कि गंदगी के कारण स्थानीय निवासियों को न केवल बदबू बल्कि बीमारी का सामना भी करना पड़ रहा है। इससे पहले भी राजनगर एक्सटेंशन में एक डंपिग ग्राउंड बनाया गया, जिसे एनजीटी के निर्देश पर नगर निगम को बंद करना पड़ा।

अब तक करोड़ों रुपये हुए खर्च : नगर निगम में सबसे ज्यादा खर्च नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और यह कार्य देखने वाले स्वास्थ्य विभाग पर किया जाता है। वर्ष 2019-20 में 106 करोड़ रुपये, वर्ष 2020-21 में 107 करोड़ रुपये खर्च किए गए और 2021-22 में 133 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित किया गया है।

वर्जन..

कूड़ा निस्तारण के लिए नगर निगम की ओर से सिहानी में गार्बेज फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है। दूसरी गार्बेज फैक्ट्री रेत मंडी में बनकर तैयार है। अक्टूबर से यहां कार्य शुरू होगा। इसके अलावा कविनगर, वसुंधरा और विजयनगर जोन का कूड़ा गालंद में भेजा जाएगा। जल्द ही तीनों जोन में गार्बेज फैक्ट्री बनाई जाएगी। शहर में अब डंपिग ग्राउंड नहीं बनेंगे। राजनगर एक्सटेंशन में भी जल्द ही कूड़ा डालना बंद कर दिया जाएगा। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का संचालन न होने के कारण कूड़ा निस्तारण में परेशानी हुई।

- डा. मिथिलेश कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी।

chat bot
आपका साथी