कम होती रही किसानों की संख्या, मृतकों को दी श्रद्धांजलि

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: दिल्ली में उपद्रवियों के हमले के बाद बुधवार को यूपी गेट पर जारी किसान आं

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 09:16 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 09:16 PM (IST)
कम होती रही किसानों की संख्या, मृतकों को दी श्रद्धांजलि
कम होती रही किसानों की संख्या, मृतकों को दी श्रद्धांजलि

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: दिल्ली में उपद्रवियों के हमले के बाद बुधवार को यूपी गेट पर जारी किसान आंदोलन का नजारा बदला हुआ था। कहीं न कहीं हर किसान के मुंह से एक ही बात निकल रही थी कि जो कुछ हुआ अच्छा नहीं हुआ। सुबह से ही कुछ किसान सामान बांधकर घरों की ओर रवाना होने लगे, इससे मंच पर बैठे किसान नेता भी परेशान रहे। नेता किसानों को समझाते रहे कि उपद्रवियों के पीछे एक साजिश है। इसके साथ ही मृतक किसान को श्रद्धांजलि देने के साथ ही बुधवार को किसान सभा का समापन हुआ।

सुबह सात बजे: बुधवार सुबह सात बजे से ही यूपी गेट पर बने फ्लाईओवर के नीचे लगे तंबू उतरने शुरू हो गए। तंबू उतार रहे किसानों से कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को जो हुआ वह गलत था। उपद्रवियों के कारण पूरा देश शर्मसार हो गया है।

सुबह नौ बजे: मंच और आसपास किसानों की संख्या काफी कम दिखी। मंच पर किसान नेताओं ने भाषण तो शुरू किया लेकिन उनका पहला वाक्य ही किसानों को यह समझा रहा था कि उपद्रव करने वाले साजिश के तहत दिल्ली में दाखिल हुए। उनका आंदोलन अहिसात्मक था और आगे भी जारी रहेगा।

सुबह 11 बजे: किसानों द्वारा तंबू उतरना और उनका आंदोलन छोड़कर जाना जारी रहा। किसान मंच के भाषण से ज्यादा मोबाइल पर दिल्ली की खबरें देख रहे थे। साथ ही चर्चा जारी रही कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में उपद्रवियों ने सभी को शर्मसार कर दिया है। कुछ किसानों ने तो वकालत की कि अब आंदोलन को खत्म कर देना चाहिए। हालांकि उन्होंने इसका निर्णय आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं पर छोड़ दिया।

दोपहर एक बजे: आंदोलन स्थल पर बुधवार को लंगर में भी किसानों की संख्या काफी कम रही। दोपहर तक करीब 20 फीसद किसान अपने घरों को लौट चुके थे। मंच से लगातार किसान नेता गणतंत्र दिवस पर हुए उपद्रव की निदा तो कर रहे थे लेकिन साथ ही इसके लिए केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को भी जिम्मेदार ठहरा रहे थे। किसानों से लगातार आंदोलन के साथ रहने की अपील की जाती रही।

दोपहर दो बजे: आंदोलन स्थल के मंच से मृतक किसान नवदीप की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। वक्ताओं ने कहा कि असल में नवदीप को श्रद्धांजलि तभी दी जाएगी, जब पिछले दो माह से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे आंदोलन को हम ऐसे ही जारी रखें। इस बीच हमें अपने बीच से ऐसे असामाजिक तत्वों को खोजकर बाहर निकालने की जरूरत है, जो आंदोलन को खराब करने में जुटे हुए हैं।

दोपहर तीन बजे: किसान एकता मोर्चा समिति के सदस्य जगतार बाजवा ने कहा कि आंदोलन जारी रहेगा। किसान अपने घरों को गए हैं, लेकिन फिर से लौटेंगे। हमारी मांगे पूरी न होने तक हम एकजुटता के साथ आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखेंगे। श्रद्धांजलि सभा के बाद मंच की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई है।

शाम चार बजे: यूपी गेट किसान आंदोलन स्थल पर दोपहर के समय कुछ ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसानों ने नारेबाजी की। उनका कहना था कि जब तक कृषि कानूनों की वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं। फ्लाईओवर के नीचे ट्रैक्टरों को भाकियू के पड़ाव के पास नारेबाजी करते हुए कई बार चक्कर लगाए गए।

शाम साढ़े चार से छह बजे: किसान नेता वीएम सिंह ने आंदोलन से अपने संगठन को अलग कर लिया। इसके बाद किसानों का घरों को लौटना और तेज हो गया। शाम करीब छह बजे तक चालीस फीसद किसान घरों को लौट चुके थे। इसके बाद हाईवे पर लगे तंबू खाली दिखाई दिए।

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