रोप - वे की जगह मेट्रो बने तभी ज्यादा लोगों को मिलेगी राहत

जागरण संवाददाता साहिबाबाद वैशाली मेट्रो स्टेशन से मोहन नगर चौराहे तक रोप - वे के प्र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 07:34 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:34 PM (IST)
रोप - वे की जगह मेट्रो बने तभी ज्यादा लोगों को मिलेगी राहत
रोप - वे की जगह मेट्रो बने तभी ज्यादा लोगों को मिलेगी राहत

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :

वैशाली मेट्रो स्टेशन से मोहन नगर चौराहे तक रोप - वे के प्रोजेक्ट की जगह लोग मेट्रो बनाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि रोप वे बनने से ज्यादा लोगों को राहत नहीं मिलेगी। लगातार बढ़ती आबादी को देखते हुए वैशाली से मोहन नगर और नोएडा सेक्टर -62 से साहिबाबाद तक मेट्रो बनानी की मांग कर रहे है। रोप - वे के प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग के लिए जल्द ही वरिष्ठ नागरिक समाज वसुंधरा की ओर से मेरठ मंडलायुक्त को पत्र लिखा जाएगा।

वैशाली से मोहन नगर चौराहे तक गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने रोप - वे बनवाने के लिए एक निजी कंपनी से मिट्टी की टेस्टिग कर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है। रोप -वे के निर्माण में 485 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। हाल ही में वरिष्ठ नागरिक समाज वसुंधरा के सदस्यों ने एक बैठक की थी। बैठक में वीके मिश्रा, डा. देव कुमार सेंगर व अन्य लोगों ने रोप - वे के प्रोजेक्ट के बारे में कहा कि इससे ज्यादा लोगों को फायदा नहीं मिलेगा। बढ़ती आबादी को देखते हुए मेट्रो का निर्माण होना चाहिए। लोगों का कहना है कि मेट्रो आम आदमी के लिए अधिक किफायती और सुविधाजनक है। मेट्रो लंबे समय तक चलेगी। मेट्रो से ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा। मेट्रो से प्रदूषण भी नहीं होता है। राज्य सरकार को रोप - वे की जगह मेट्रो विस्तार करना चाहिए। यदि रोप - वे बन गया तो मेट्रो नहीं बनेगी। साथ ही नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद गांव तक मेट्रो का विस्तार किया जाए। रोप -वे से ज्यादा मेट्रो बनाने पर राजस्व प्राप्त होगा। जल्द ही मंडलायुक्त को इस विषय में पत्र लिखकर रोप - वे के प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग की जाएगी। - डा. देव कुमार सेंगर महासचिव वरिष्ठ नागरिक समाज वसुंधरा वैशाली से मोहन नगर और नोएडा सेक्टर - 62 से साहिबाबाद तक मेट्रो ही बननी चाहिए। लगातार बढ़ रही आबादी को तभी राहत मिल पाएगी। रोप - वे को प्राथमिकता नहीं देनी चाहिए। - कैलाश चंद्र शर्मा, अध्यक्ष आरडब्ल्यूए फेडरेशन आफ ट्रांस हिडन

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