मासिक धर्म का गंदा खून सब्जी में मिलाकर खिलाने की मेडिकल जांच पूरी

जागरण संवाददाता गाजियाबाद शारीरिक एवं मानसिक क्षति पहुंचाने के लिए एक पत्नी द्वारा अपने पति

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 08:39 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 09:04 PM (IST)
मासिक धर्म का गंदा खून सब्जी में मिलाकर खिलाने की मेडिकल जांच पूरी
मासिक धर्म का गंदा खून सब्जी में मिलाकर खिलाने की मेडिकल जांच पूरी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: शारीरिक एवं मानसिक क्षति पहुंचाने के लिए एक पत्नी द्वारा अपने पति को मासिक धर्म का गंदा खून सब्जी में मिलाकर खिलाये जाने की मेडिकल जांच पूरी हो गई है। सीएमओ ने जांच रिपोर्ट विवेचक को भेज दी है। मेडिकल बोर्ड द्वारा की गई जांच में पति के शरीर में प्रथम दृष्टया इन्फेक्शन पाया गया है। बोर्ड ने लिखा है कि यह बताने में असमर्थ हैं कि यह इन्फेक्शन मासिक धर्म के गंदे खून को सब्जी में मिलाकर खिलाये जाने से हुआ अथवा नहीं, बोर्ड ने जांच रिपोर्ट के साथ ही मेडिकल कालेज मेरठ से द्वितीय राय लिए जाने की भी संस्तुति की है। इस मामले में कविनगर थाने में अपराध संख्या 785/2020 दर्ज है। मामले की जांच कर रहे उप निरीक्षक नरपाल के अनुरोध पर सीएमओ के निर्देश पर मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। बोर्ड में संयुक्त अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा.आरसी गुप्ता, डा. एसएन सिंह, डा. माला शर्मा के अलावा पैथोलाजिस्ट रिचा त्रिपाटी को शामिल किया गया। बोर्ड ने जांच रिपोर्ट में लिखा है कि वादी की शिकायत के आधार पर डीएस डायग्नोस्टिक सेंटर गोविदपुरम द्वारा 31 मई 2020 को की गई ब्लड जांच रिपोर्ट का बारीकी से अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि शिकायतकर्ता का ईएसआर सामान्य से अधिक है। प्रथम दृष्टया उनके शरीर में इंफेक्शन होना प्रतीत होता है। बता दें कि शिकायत के आधार पर कविनगर पुलिस ने 12 जून 2020 को मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी। रिपोर्ट के अनुसार परिवार से अलग करने के लिए पत्नी, उसकी मां, बाप और भाई ने मिलकर यह काम किया था। केस की जांच कर रहे उप निरीक्षक नरपाल सिंह के अनुसार कविनगर थाना क्षेत्र की एक कालोनी में रहने वाले व्यक्ति की शिकायत पर यह केस दर्ज किया गया था। आरोपी पत्नी व उसके स्वजन दिल्ली के रहने वाले हैं।

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संयुक्त अस्पताल के चार चिकित्सकीय मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट में आरोप की पुष्टि नहीं हुई है। मेडिकल कालेज मेरठ से द्वितीय राय के लिए पत्र भेजा गया है। विवेचक को बोर्ड द्वारा की गई जांच रिपोर्ट भेज दी गई है।

-डा. भवतोष शंखधर, सीएमओ

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