नौकरी लगवाने का झांसा देकर कई लोगों से ठगी, 20 के खिलाफ एफआइआर
जागरण संवाददाता गाजियाबाद विजयनगर थाना क्षेत्र में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर एक गिरोह ने कई लोगों से लाखों की ठगी की है। इस मामले में एक पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने 20 आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। आरोप है कि पैसा वापस मांगने पर आरोपित पीड़ित व उनके परिवार के सदस्यों के साथ गाली-गलौज कर मारपीट कर रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : विजयनगर थाना क्षेत्र में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर एक गिरोह ने कई लोगों से लाखों की ठगी की है। इस मामले में एक पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने 20 आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। आरोप है कि पैसा वापस मांगने पर आरोपित पीड़ित व उनके परिवार के सदस्यों के साथ गाली-गलौज कर मारपीट कर रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित काफी समय से पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन पुलिस की मदद नहीं मिली। ऐसे में पीड़ित ने एसएसपी से गुहार लगाई। उनके आदेश पर अब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है।
पीड़ित बुलंदशहर के अगौता निवासी दो भाइयों अजित व मनोज कुमार की तहरीर पर पुलिस ने निर्दोष राणा, सुनील, विपिन चौहान, विवेक, इंदर, पिकी, भीष्म, राजू, अनिल, दुष्यंत, चीकू, हनी, रवि भाटी, प्रियांशु, राहुल, आकाश कुमार, विजयपाल चौहान, जसवंत, अमित शर्मा व अनिल कुमार गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। पीड़ितों ने बताया कि वर्तमान में वह कृष्णा नगर बागू में रहते हैं। दोनों नौकरी के लिए फार्म भरने के लिए साहिल उर्फ जफरु के साइबर कैफे पर गए तो साहिल ने खुद को अधिकारी बताने वाले निर्दोष राना से मुलाकात कराई। साहिल व निर्दोष ने पीड़ितों के दलित होने का हवाला देते हुए नौकरी लगवाने के लिए 5.50 लाख रुपये प्रत्येक से मांगे। उन्होंने इसकी एवज में 7.50 लाख रुपये एडवांस दे दिए। निर्दोष ने अपने रिश्तेदारों को फौज, दिल्ली पुलिस, न्यायालय समेत अन्य विभागों में अधिकारी बताते हुए नौकरियां लगवाने की बात कही और अन्य लोगों को मिलवाने के लिए कहा। इस पर दोनों ने अपने परिचितों को इन लोगों से मिलवाया और आरोपितों ने उनसे नौकरी के नाम पर लाखों रुपये ले लिए।
ओमपाल नाम के व्यक्ति ने भी सात लोगों को निर्दोष से मिलवाया और उनसे 40 लाख रुपये दिलवाए। इस बीच बुलंदशहर निवासी सुनील मनोज से नौकरी के लिए मिला और निर्दोष से मुलाकात करने के बाद अपनी नौकरी लगवा ली। उसने भी निर्दोष से सीधे पैसों का लेन-देन शुरू कर दिया। जब सुनील के लोगों की नौकरी नहीं लगी तो वह मनोज व निर्दोष से पैसे मांगने लगा। सुनील ने जून 2019 को दोनों पीड़ित भाइयों व निर्दोष का अपहरण कर लिया। इन्हें पुलिस व एसटीएफ दुहाई से मुक्त कराया। उन्होंने बताया कि ओमपाल ने अपने पैसे वापस मांगे तो उन्हें डरा दिया गया और सदमे में उनकी मौत हो गई। आरोप है कि अब सुनील अपने साथियों के साथ मिलकर उनके स्वजन को परेशान कर रहा है। आरोपित उनके साथ मारपीट, गाली-गलौज करते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।