साइबर ठगों से बचने के लिए बरतें सावधानी

आशुतोष गुप्ता गाजियाबाद एक तरफ कोरोना महामारी के चलते लोग अपनी जान गवां रहे हैं और जान

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:46 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 05:46 PM (IST)
साइबर ठगों से बचने के लिए बरतें सावधानी
साइबर ठगों से बचने के लिए बरतें सावधानी

आशुतोष गुप्ता, गाजियाबाद

एक तरफ कोरोना महामारी के चलते लोग अपनी जान गवां रहे हैं और जान बचाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में साइबर अपराधियों ने महामारी के इस दौर को मौका बना लिया है। कोरोना काल में साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं और लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। आक्सीजन सिलेंडर से लेकर आक्सीजन, कंसंट्रेटर, फ्लोमीटर, बेड, एंबुलेंस समेत अन्य दवाओं और उपकरणों के नाम पर ये लोग जरूरतमंदों के साथ ठगी कर रहे हैं। इनके चंगुल में फंसकर जरूरतमंद लोग और परेशान हो रहे हैं। पुलिस ने पूर्व में ऐसे लोगों पर कार्रवाई तो की है लेकिन पूरी तरह से काबू नहीं पा सकी है। ऐसा नहीं है कि साइबर अपराधियों से बचाव नहीं हो सकता। आपकी एक छोटी सी सावधानी साइबर अपराधियों को जवाब दे सकती है और आप इनके चंगुल में फंसने से बच सकते हैं।

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फर्जी वेबसाइट बनाकर चल रहा है धंध

साइबर ठगों ने कई अस्पतालों व कंपनियों की वेबसाइट बना ली हैं। इस वेबसाइट के माध्यम से वह कोरोना से बचाव की विभिन्न दवा व उपकरण उपलब्ध कराने का दावा करते हैं। ये लोग सोशल मीडिया पर भी जानकारी सर्कुलेट कर लोगों तक पहुंचाते हैं। भोले-भाले जरूरतमंद लोग वेबसाइट पर ऑर्डर बुक कर इसका प्री-पेमेंट कर देते हैं। साइबर अपराधी पैसा आने के बाद नंबर बंद कर लेते हैं और जवाब नहीं देते। इसके बाद व्यक्ति को पता चलता है कि उसके साथ ठगी हो गई है। पूर्व में जिले में इस प्रकार के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। हाल में हुई घटनाएं

-11 मई : नंदग्राम थाना क्षेत्र के राजनगर एक्सटेंशन निवासी प्रत्युष शर्मा के साथ आक्सीजन कंसंट्रेटर के नाम पर 3.33 लाख रुपये की ठगी

- 08 मई : क्राइम ब्रांच व नगर कोतवाली पुलिस ने दवाओं, बेड समेत अन्य उपकरणों के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपितों को किया गिरफ्तार, कई लोगों को बनाया था निशाना

- 03 मई : कविनगर थाना क्षेत्र में कर्मयोगी व समाचार वितरक संघ के उपाध्यक्ष पिटू रावल के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर देने के नाम पर 15 हजार की ठगी

- 03 मई : विजयनगर थाना क्षेत्र में अस्पताल चलाने वाले डा. एके चौधरी व उनके मरीजों के साथ आक्सीजन कंसंट्रेटर के नाम पर महाराष्ट्र के एक व्यक्ति ने की लाखों की ठगी।

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ये बरतें सावधानियां

-ऑथेंटिक वेबसाइट पर भी भुगतान करें।

-वेबसाइट की सोर्स क्या है, इसके लिए उसके ऑनलाइन डॉक्यूमेंट्स देखें।

-कंपनी का रजिस्टर्ड नंबर चेक करें और सामान डिलीवरी पर ही भुगतान करना बेहतर।

-हमेशा वेबसाइट पर कंपनी के नाम की स्पेलिग जरूर चेक करें। फर्जी कंपनी की स्पेलिग हमेशा गलत होती है।

-लॉक बटन पर क्लिक करें, व्यू सर्टिफिकेट पर जाएं, यदि वेबसाइट सही होगी तो उसका नाम होगा और यदि फर्जी होगी तो नाम नहीं होगा।

-हमेशा ऑरिजनल वेबसाइट पर ही जाएं।

-गूगल पर सर्च के जरिए मिला कस्टमर केयर नंबर ठगों का हो सकता है कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा ऑरिजनल वेबसाइट पर ही जाएं

मोबाइल और लैपटाप, डेस्कटॉप में हमेशा बेहतर इंटरनेट सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर जरूर इंस्टाल करें।

यूजर आईडी, पासवर्ड के लिए हमेशा वर्चुअल की -बोर्ड का इस्तेमाल करें।

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कभी भी मेल पर आए लिक के जरिये वेबसाइट तक न जाएं। इसके जरिये ही सबसे ज्यादा ठगी होती है।

-कोरोना काल में ठगी की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। जागरूकता और जानकारी ही ऐसा हथियार है, जिससे साइबर ठगों से बचा जा सकता है। थोड़ी सी सावधानी आपको साइबर अपराधियों से बचा सकती है।

इशान सिन्हा, एडवाइजर साइबर क्राइम एवं इंटेलिजेंस

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साइबर अपराधियों पर काबू पाने के लिए साइबर सेल को सक्रिय किया गया है। पुलिस लगातार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पूर्व में कई गिरोहों को पर्दाफाश भी किया गया है। पुलिस ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।

-अमित पाठक, एसएसपी

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