आर्थिक रूप से कमजोर होनहार बच्चों के लिए जेएनवी बेहतर विकल्प

जागरण संवाददाता गाजियाबाद जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और बच्चा पढ़ाई में ठ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 10:25 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 10:25 PM (IST)
आर्थिक रूप से कमजोर होनहार बच्चों के लिए जेएनवी बेहतर विकल्प
आर्थिक रूप से कमजोर होनहार बच्चों के लिए जेएनवी बेहतर विकल्प

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और बच्चा पढ़ाई में ठीक है तो कक्षा छह से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) बेहतर विकल्प है। जहां पढ़ाई के साथ रहना खाना और अन्य सुविधाएं निश्शुल्क मिलती हैं। अभिभावकों में जानकारी के अभाव के कारण दाखिला नहीं दिला पाते। यहां प्रवेश परीक्षा के आधार पर बच्चे का कक्षा छह में दाखिला लिया जाता है।

फिलहाल प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन की आनलाइन प्रक्रिया चल रही है। जो 15 दिसंबर तक चलेगी। 30 अप्रैल 2022 को परीक्षा का आयोजन होगा। अभिभावक या घर में कोई सदस्य आनलाइन आवेदन करने की जानकारी रखते हैं तो जवाहर नवोदय विद्यालय की वेबसाइट www.ठ्ठड्ड1श्रस्त्रड्ड4ड्ड.द्दश्र1.द्बठ्ठ पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। अन्यथा साइबर कैफे पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। आवेदन, परीक्षा और दाखिले की तिथि में बदलाव हो सकते हैं। साथ ही प्रवेश पत्र की जानकारी के लिए (जेएनवी) की वेबसाइट देखते रहें या साइबर कैफे पर जानकारी ले सकते हैं।

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योग्यता, पेपर और तैयारी

बच्चा जिस जिले का मूल निवासी है उसी जिले के विद्यालय में दाखिले के लिए आवेदन किया जा सकता है। बच्चे का जन्म एक मई 2009 और 30 अप्रैल 2013 के बीच में हुआ हो। जून में परीक्षा परिणाम घोषित होगा। प्रवेश परीक्षा कुल सौ नंबर की होगी जिसमें दो घंटे में 80 वैकल्पिक प्रश्नों का उत्तर देना होगा। परीक्षा में हिदी, अंग्रेजी, गणित, और विज्ञान के प्रश्न शामिल होंगे। परीक्षा के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा की किताब खरीदकर घर पर तैयारी कराई जा सकती है। अभिभावक किसी भी परिषदीय विद्यालय के शिक्षक से मिलकर दाखिले की जानकारी ले सकते है।

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सभी विद्यालयों में निर्देश दिए हैं कि छात्र-छात्राओं को जवाहर नवोदय विद्यालय में दाखिले के लिए आवेदन और परीक्षा की पूरी जानकारी दी जाए। जिससे जो आर्थिक रूप से कमजोर पात्र बच्चे हैं उन्हें निश्शुल्क शिक्षा व अन्य व्यवस्थाओं का लाभ मिल सकें।

- बृजभूषण चौधरी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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