बच्चों को सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान करने की शिक्षा देना जरूरी
सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान और रक्षा करना देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। सार्वजनिक सं
सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान और रक्षा करना देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। सार्वजनिक संपत्ति के अंतर्गत बहुत सारी चीजें जैसे अस्पताल, पार्क, ऐतिहासिक भवन, स्कूल, वाहन आदि आते हैं। सार्वजनिक संपत्ति जीवन को आगे बढ़ाने में सहायता करते हैं। लेकिन आजकल लोगों में प्रदर्शन, आंदोलन और दंगों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की प्रवृति बढ़ गई है। विरोध प्रदर्शन और आंदोलन के नाम पर लोग सार्वजनिक संपत्ति को आग के हवाले कर देते हैं। इसके अलावा लोग घूमने आते हैं और इमारतों, बगीचों में पेड़ों पर अपना नाम आदि लिख कर उन्हें खराब कर देते हैं जो चीजें हमारे इतिहास की यादें सहेजे हुए हैं और हमारे हित के लिए बनाई जाती हैं। उनका हमें अपनी निजी संपत्ति की तरह ही ध्यान रखना चाहिए तथा लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जिस तरह से हम अपने घर को साफ सुथरा रखते हैं उसी तरह से देश को भी स्वच्छ और सुंदर बनाने में सहयोग करना चाहिए। कचरे को सही स्थान पर ही डालना चाहिए। देखा जाता है कि लोग निजी संपत्ति को बहुत ही ध्यान से रखते हैं लेकिन सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। इसका उपयोग लापरवाही से करते हैं। जबकि सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने पर बहुत से ऐसे लोग उसका लाभ नहीं ले पाते। जिनकी उन्हें बहुत आवश्यकता होती है। हमारे देश की अधिकांश आबादी सरकारी सुविधाओं पर ही निर्भर है। हमें इसका ध्यान रखना चाहिए। स्वामी विवेकानंद के अनुसार, हमें श्रद्धावान बनकर आत्मज्ञान प्राप्त करना चाहिए और अपनी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति निष्ठावान रहकर देश के विकास में सहयोग करना चाहिए। हम सभी के द्वारा दिए गए विभिन्न करों से ही हमें यह सुविधाएं मिलती हैं। यदि इसे नुकसान पहुंचाते है तब सरकार को इसकी भरपाई के लिए और अधिक कर लगाना पड़ सकता है। अप्रत्यक्ष रूप से जनता के द्वारा ही दिया गया सहयोग सुरक्षा के रूप में मिलता है। जिस तरह सूरज की गर्मी से जल भाप बनकर उड़ जाता है और फिर वही जल बादल बनकर वर्षा के रूप में धरती पर गिरता है। सभी को ईमानदारी से अपने कर्तव्य को निभाना चाहिए और सार्वजनिक संपत्ति का ध्यान रखते हुए उसकी सुरक्षा का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए विद्यालयों में इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन करना चाहिए। जिससे बच्चे इस ओर ध्यान दें और सार्वजनिक संपत्ति का सम्मान करना सीख सकें।
पूनम शर्मा, प्रधानाचार्या, श्री ठाकुरद्वारा बालिका विद्यालय