डीएम का आदेश नहीं मानते सिचाई विभाग के अधिकारी, कैसे साफ हो हरनंदी
जासं गाजियाबाद हरनंदी नदी के जीर्णोद्धार के लिए जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों
जासं, गाजियाबाद: हरनंदी नदी के जीर्णोद्धार के लिए जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है। सिचाई विभाग के अधिकारी जिलाधिकारी के आदेश नहीं मानते हैं, जिस कारण जलकुंभी हटाकर नदी को साफ करने का कार्य उन्होंने शुरू नहीं किया है। नदी का जीर्णोद्धार न होने के कारण लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है, जल्द ही वह इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह सौंपी गई है जिम्मेदारी:
जिलाधिकारी ने बैठक कर जिले में जहां से हरंननदी गुजरती है, उसके आसपास जिस विभाग का कार्यक्षेत्र है। उस विभाग के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है। जिसमें जिला पंचायत, जीडीए, नगर निगम के अधिकारी भी शामिल हैं। सिचाई विभाग के अधिकारियों को नदी के अंदर जलकुंभी सहित अन्य कचरे को साफ करने की जिम्मेदारी दी गई है। परिचर्चा हरनंदी नदी की सफाई न होना शर्म की बात है। अधिकारियों को सोचना चाहिए, आए दिन लोग नदी में कचरा डालते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए, यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे। - निधि विश्वकर्मा, अध्यक्ष, एक्टिव ग्रीन संस्था। हरनंदी नदी यमुना की सहायक नदी है, यमुना नदी गंगा की सफाई नदी है। जब तक हरनंदी नदी साफ नहीं होगी, गंगा भी साफ नहीं होगी। जिला गंगा संरक्षण समिति का मैं सदस्य हूं, जल्द ही नदी के जीर्णोद्धार के लिए कार्य शुरू किया जाएगा। इससे पहले नदी के पानी का सैंपल लिया जाएगा, उसकी जांच कराई जाएगी। नदी को दूषित करने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।- डा. जितेंद्र नागर, पर्यावरणविद हरनंदी नदी को बचाने के लिए अधिकारी गंभीर नहीं है, इसके विरोध में अब सड़क पर उतरकर हम विरोध प्रदर्शन करेंगे। यदि नदी साफ नहीं की गई तो आंदोलन शुरू किया जाएगा। - बीके शर्मा, संस्थापक, हनुमान मंगलमय परिवार। हरनंदी नदी का जीर्णोद्धार होना चाहिए। इसके लिए हम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपेंगे। हरनंदी नदी के तट पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। - ममता सिंह, अध्यक्ष, आनंद सेवा समिति