कोवैक्सीन चोरी की जांच तेज, दो चिकित्सकों समेत आठ से मांगा गया स्पष्टीकरण

जागरण संवाददाता गाजियाबाद जिले से वैक्सीन चोरी कर नोएडा में पैसा लेकर लगाए जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच तेज कर दी है। जांच समिति ने बुधवार को दो चिकित्सकों समेत आठ कर्मचारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। आरोपी एएनएम जांच टीम के पहुंचने से पहले घर से फरार हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 09:44 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 09:44 PM (IST)
कोवैक्सीन चोरी की जांच तेज, दो चिकित्सकों समेत आठ से मांगा गया स्पष्टीकरण
कोवैक्सीन चोरी की जांच तेज, दो चिकित्सकों समेत आठ से मांगा गया स्पष्टीकरण

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: जिले से वैक्सीन चोरी कर नोएडा में पैसा लेकर लगाए जाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच तेज कर दी है। जांच समिति ने बुधवार को दो चिकित्सकों समेत आठ कर्मचारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। आरोपी एएनएम जांच टीम के पहुंचने से पहले घर से फरार हो गई।

जांच समिति के सदस्य जिला सर्विलांस अधिकारी आरके गुप्ता ने बताया कि बृहस्पतिवार को नोटिस एएनएम के घर चस्पा किया जाएगा। इस प्रकरण में नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा.अंतरिक्ष शर्मा, डा.एसके गुप्ता, कर्मचारी अल्लाह बख्श, कोल्ड चेन नियंत्रक राजकुमारी, सतीश कुमार सैनी, रीता शर्मा, एएनएम बिदु व रीनू शर्मा को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। सीएमओ ने वैक्सीन चोरी के आरोपी वार्ड ब्वाय व एएनएम की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गईं हैं।

बता दें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिसरख, गौतमबुद्धनगर के प्रभारी डा.सचेंद्र मिश्रा की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने खेड़ा चौगानपुर गांव में छापा मारकर ढाई सौ रुपये में कोवैक्सीन लगाने को पर्दाफाश किया। इस दौरान सुशील पुत्र प्रेमराज व रवि पुत्र ब्रहमपाल को कोवैक्सीन लगाते रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया था। इनके कब्जे से कोवैक्सीन की वायल भी बरामद हुई थी। पूछताछ में पुलिस को आरोपियों ने बताया कि वैक्सीन को बुद्ध विहार केंद्र से चुराकर नोएडा में लगाया जा रहा था। आरोपी सुशील स्वास्थ्य केंद्र पर वार्ड ब्वाय है और रवि इसी केंद्र पर तैनात एएनएम रीनू शर्मा का देवर है। सीएमओ डा.भवतोष शंखधर ने प्रारंभिक जांच के आधार पर आरोपी वार्ड ब्वाय सुशील व एएनएम रीनू शर्मा की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। जांच समिति ने वैक्सीन की वायल की पोर्टल पर जांच भी की। जांच में वैक्सीन चोरी का कोई तथ्य नहीं मिला है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि वैक्सीन चोरी करने का कोई बड़ा गिरोह सक्रिय हो सकता है।

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