दो भागों में बंट रहा किसानों का आंदोलन
अजय सक्सेना लोनी यूपी गेट पर चल रहा किसानों का आंदोलन पंजाबी भाषा समझ न आने पर दो भागों म
अजय सक्सेना, लोनी: यूपी गेट पर चल रहा किसानों का आंदोलन पंजाबी भाषा समझ न आने पर दो भागों में बंटता दिखाई दे रहा है। यूपी के किसानों को अपनी बात समझाने के लिए मंच संचालक को भाषण का रूपांतरण करना पड़ रहा है। यूपी के विभिन्न जिलों से आए किसान अपने स्थानीय नेताओं का सम्मान रखने के लिए नारे लगा रहे हैं।
28 नवंबर को यूपी के किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में यूपी गेट पर डेरा डाला था। किसान बड़े जोश से आंदोलन को आगे बढ़ा रहे थे। कुछ समय पूर्व उत्तराखंड, पंजाब के किसानों ने यूपी गेट पर चल रहे धरने में शिरकत की। देखते ही देखते पंजाब के किसानों की संख्या बढ़ी गई। प्रदेश स्तर के नेता धरने पर पहुंचकर किसानों को अपने इरादों से अवगत करा रहे हैं। लेकिन पंजाबी भाषा यूपी के किसानों को समझना कठिन हो रहा है। ऐसे में कभी-कभी मंच का संचालन कर रहे वक्ताओं को पंजाबी का हिन्दी में रूपांतरण करना पड़ता है। यूपी के किसान महज पंजाब से आए किसानों को देखा देखी नारे लगाकर समय गुजारने के लिए मजबूर हैैं।
टेट में रह रहे हैं किसान: बृहस्पतिवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता दिल्ली की अन्य सीमाओं पर चल रहे धरने में शिरकत करने गए थे। जिस पर उत्तराखंड व पंजाब के किसानों ने मंच संभाला। इस दौरान यूपी के अधिकांश किसान अपने टेंट में आराम करते हुए दिखाई दिए।