ब्रेन स्ट्रोक का लक्षण दिखते ही तत्काल कराए उपचार

जागरण संवाददाता साहिबाबाद चेहरे का टेढ़ा होना एक तरफ के हाथ-पैर का काम न करना बोलने में दिक्कत शरीर का संतुलन बिगड़ना आंखों से कम दिखना आदि लक्षण दिखे तो यह ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तत्काल मरीज को डाक्टर के पास ले जाएं। चार घंटे की भीतर यदि मरीज को खून का थक्का बनने से रोकने वाला इंजेक्शन मिल जाता है तो खतरा टल सकता है। इससे बचाव के लिए शुगर उच्च रक्तचाप और कोलस्ट्रोल पर ध्यान देना जरूरी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 08:58 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:58 PM (IST)
ब्रेन स्ट्रोक का लक्षण दिखते ही तत्काल कराए उपचार
ब्रेन स्ट्रोक का लक्षण दिखते ही तत्काल कराए उपचार

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : चेहरे का टेढ़ा होना, एक तरफ के हाथ-पैर का काम न करना, बोलने में दिक्कत, शरीर का संतुलन बिगड़ना, आंखों से कम दिखना आदि लक्षण दिखे तो यह ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तत्काल मरीज को डाक्टर के पास ले जाएं। चार घंटे की भीतर यदि मरीज को खून का थक्का बनने से रोकने वाला इंजेक्शन मिल जाता है, तो खतरा टल सकता है। इससे बचाव के लिए शुगर, उच्च रक्तचाप और कोलस्ट्रोल पर ध्यान देना जरूरी है। न्यूरो संबंधी रोगों का समय रहते इलाज न होने पर समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। न्यूरोलाजी संबंधी रोगों में आमतौर पर बोलने में अंतर आना, शारीरिक असंतुलन, शरीर में अकड़न, कमजोरी, याददाश्त में कमी, उठने, बैठने, चलने में परेशानी, शरीर में कंपन, मांसपेशियों का कठोर होना, निगलने में कठिनाई आदि लक्षण होते हैं। न्यूरो समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बृहस्पतिवार को दैनिक जागरण ने वैशाली स्थित मैक्स अस्पताल के न्यूरोलाजी विशेषज्ञों के साथ हेलो जागरण कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें मरीजों ने दोपहर दो से तीन बजे तक फोन कर सवाल पूछे। न्यूरो विशेषज्ञ डा.संजय सक्सेना, डा.सितला प्रसाद पाठक, डा.नमिता ने मरीजों के सवालों के जवाब दिए। प्रस्तुत हैं सवाल-जवाब के प्रमुख अंश..

सवाल: मेरी उम्र 19 साल है। मेरे सिर के पीछे दर्द रहता है। कभी-कभी दर्द इतना बढ़ जाता है कि चलने-फिरने में परेशानी होती है। क्या यह न्यूरो से संबंधित बीमारी है। - राजेश श्रीवास्तव, राजनगर। जवाब : यह माइग्रेन का भी दर्द हो सकता है। आपको फिजियोथेरेपी करानी चाहिए। इसके लिए तो आपको अस्पताल पर आकर दिखाना होगा। टेस्ट कराने के बाद ही बीमारी का पता चल पाएगा।

सवाल : मेरी रीढ़ की हड्डी में दर्द रहता है। उठते-बैठते और चलने में परेशानी होती है। यह क्या बीमारी हो सकती है? - सदफ अंसारी, फरीद नगर जवाब : भागदौड़ के चलते कमर में दर्द होना आम बात है। आपको विटामिन से भरपूर भोजन करना चाहिए। एक बार डाक्टर को दिखाना होगा। जांच के बाद ही पता चलेगा कि क्या परेशानी है। आपकी पुरानी जांचों का रिकार्ड भी दिखाना होगा। यदि ज्यादा दर्द हो रहा है तो डाक्टर की सलाह पर आप पेन किलर ले सकती हैं। प्रतिदिन व्यायाम करें। ---- सवाल : मुझे कुछ दिन पहले साइटिका हुआ था। अब पैरों में दर्द रहता है। थोड़ी दूर चलने पर ही दर्द शुरू हो जाता है। - कृष्णा नंदा, राजनगर जवाब : इसमें दवा कम ही काम करेगी। आपके पुराने टेस्ट रिकार्ड देखने होंगे। यदि ज्यादा दिक्कत है तो जांच के बाद आपरेशन भी किया जा सकता है। ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन इलाज में देरी न करें।

---- सवाल : शरीर में जकड़न रहती है। एक साल पहल बाइं ओर लकवा मार गया था। अभी मेरे घुटने के पीछे गांठ है। इससे बहुत परेशानी हो रही है। - गिरिराज सिंह, बृज विहार जवाब : घुटने के पीछे गांठ को न्यूरो की बीमारी कहना कठिन होगा। यह कुछ और बीमारी हो सकती है। हालांकि आपको न्यूरो के डाक्टर को दिखा देना चाहिए। जांच कराने के बाद रिपोर्ट देखकर बीमारी का पता चलेगा। आपको व्यायाम करना चाहिए। ---- सवाल : मेरा दो साल का बेटा है। वह सीधे हाथ से कुछ नहीं पकड़ पाता है और उसका हाथ कंपन करता है। एक पैर नहीं उठता है। - अंजु, मोदीनगर जवाब : बच्चा अभी छोटा है। संभव है कि सामान्य रूप से कुछ न उठा पाता हो। एक बार डाक्टर को दिखा लें। इससे अगर कोई बीमारी है तो स्पष्ट हो जाएगा। कुछ टेस्ट कराने से ही बीमारी का सही पता चल सकेगा।

------ सवाल : मुझे चलने-फिरने में चक्कर आता है। जब मैं लेटते हुए करवट बदलता हूं तो सिर घूमता है। उठने-बैठने में भी परेशानी होती है। - अनूप, मोदीनगर जवाब : आपको दवा के साथ फिजियोथैरेपी करवाते रहने की जरूरत है। इससे आपको बहुत राहत मिलेगी। यदि इससे भी आपको आराम नहीं लग रहा है तो जांच करानी चाहिए। इसके बाद ही बीमारी की स्थिति का पता चल पाएगा। --------- सवाल : मुझे हमेशा कमजोरी-सी रहती है। लगता है कुछ सोच-समझ भी नहीं पा रही हूं। क्या मैं खून पतला होने के बाद ठीक हो सकती हूं? - निशा गुप्ता, वेव सिटी जवाब : जरूरी नहीं कि खून पतला होने से आप ठीक हो जाएंगी। जांच के बाद ही पता चलेगा कि आपको क्या परेशानी है। यह मानसिक रोग भी हो सकता है। यदि आपके हाथ-पैर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं और आपको मानसिक आघात लगा है तो डाक्टर को दिखाने की जरूरत है। -------- सवाल : मेरी उम्र 60 साल है। एक साल पहले मेरी पसली में चोट लग गई थी। मुझे बार-बार दौरा पड़ रहा है। कुछ दिन पहले शरीर के बाएं हिस्से में लकवा मार गया था। मेरी आयुर्वेदिक दवा चल रही है। - भरत सिंह, विजय नगर जवाब : हो सकता है आपको ब्रेन स्ट्रोक हुआ हो। ब्रेन में खून का थक्का जम सकता है। बार-बार दौरा पड़ना खतरनाक है। दवा के साथ आपको फिजियोथैरेपी कराने की जरूरत है। यदि आप समय पर इलाज शुरू नहीं कराएंगे तो शरीर में जकड़न हो सकती है और शरीर में सूजन आ सकती है। ------ सवाल : मेरी उम्र 42 साल है। मेरे सिर और कंधे में दर्द रहता है। अंगुलियों में कंपन रहता है और खाना नहीं खाया जाता है। नहाने से डर लगता है। डेढ़ साल से दवा चल रही है, लेकिन इसकी दवाई महंगी बहुत हैं। - देवयानी, साहिबाबाद । जवाब : यह दवा का साइड इफेक्ट भी हो सकता है या फिर ब्रेन की नस दबने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। यदि आपको दवा लेने के बाद भी आराम नहीं लग रहा है तो आप डाक्टर को दिखा सकते हैं। यह कई बार मानसिक तनाव से हो जाता है। यदि दवा आपको आपके बजट में नहीं हैं तो प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से दवा खरीद सकते हैं। आजकल बहुत मरीज जन औषधि केंद्र से दवा खरीद रहे हैं। ----- सवाल : मेरे बड़े भाई के सिर में गांठ थी। उनकी उम्र 55 साल है। उसका आपरेशन कराया था। अब उन्हें बोलते समय परेशानी होती है। सिर और पीठ में दर्द होता है। - विजय, लोनी। जवाब : सिर, गर्दन, पीठ, हाथ या पैर में दर्द के सामान्य लक्षण कभी-कभी भयावह बीमारियों के कारण हो सकते हैं। गर्दन की जकड़न के साथ गंभीर सिरदर्द मेनिनजाइटिस, ब्रेन हैमरेज, ब्रेन ट्यूमर या वेनस साइनस जैसी गंभीर बीमारियों का संकेत होता है। अंगों की कमजोरी या डिस्क प्रोलैप्स के कारण नर्वस सिस्टम में दिक्कत हो सकती है। इसका जांच रिकार्ड देखकर ही कुछ बता सकते हैं। यह परेशानी आपरेशन की वजह से नहीं है। --------- सवाल : मेरी उम्र 86 साल है। चलने में संतुलन बिगड़ जाता है और पूरा शरीर कंपकंपाता है। हाथ और पैरों में सुन्नपन रहता है। - डीवीएस त्यागी, गांधीनगर जवाब : ऐसी हालत में शारीरिक कार्य करने में कठिनाई बढ़ सकती है। लगातार कमजोरी, अंगों का टूटना और मरोड़ना, एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस का लक्षण हो सकता है। अंगों की अचानक कमजोरी एक्यूट न्यूरोपैथी के कारण हो सकती है। आपको रक्त की जांच करानी होगी। एक बार डाक्टर को दिखा लीजिए। यह हड्डी के ज्वाइंट की परेशानी भी हो सकती है। जांच के बाद ही बीमारी का पता चल सकेगा। ----- सवाल : मेरी बेटी 15-16 साल की है। उसे पांच साल की उम्र से दौरा पड़ना शुरू हो गया था, लेकिन साल में एक बार ही दौरा पड़ता है। हमने अभी तक इसका इलाज नहीं कराया। क्या यह न्यूरो से जुड़ी बीमारी है? -सुधीर कुमार, लोनी जवाब : इसमें चिता करने की जरूरत है। पहले आपको टेस्ट कराने होंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर इलाज शुरू होगा। मस्तिष्क की गतिविधि में परेशानी होने के चलते दौरा पड़ता है। हालांकि कुछ दौरे मामूली परिवर्तन और चेहरे और अंगों में झटके के कारण होते हैं। अगर समय पर इनका इलाज नहीं किया गया तो इस बीमारी के बढ़ने का खतरा रहता है। ---------- सवाल : मुझे भोजन निगलने में परेशानी होती है और ठीक से बोल नहीं पाता हूं। आंखों की रोशनी कमजोर हो गई है।- दिनेश शर्मा, मोहन नगर जवाब : शरीर के किसी एक अंग के प्रभावित होने का कारण मस्तिष्क में कम रक्त आपूर्ति या रक्तस्त्राव हो सकता है। अगर ऐसे लक्षणों की पहचान की जाती है तो उसका इलाज तुरंत शुरू करें। इलाज में देरी होने पर नुकसान हो सकता है। ----- सवाल : मुझे शुगर है। क्या मुझे न्यूरो से संबंधित बीमारी हो सकती है?-देवेंद्र देव, सिहानी जवाब : बिल्कुल। न्यूरो से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि आपको अपने शुगर को कंट्रोल रखना चाहिए। उच्च रक्तचाप से भी न्यूरो से जुड़ी बीमारी का खतरा बना रहता है। उच्च रक्तचाप की दवा लेनी जरूरी है। उच्च रक्तचाप से ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। कुछ लोगों में ऐसी दिक्कतें आनुवांशिक भी होती हैं। ऐसे में सावधानी रखनी चाहिए। व्यायाम करना जरूरी है। ----- सवाल : मेरी पत्नी न्यूरोलाजिकल डिसआर्डर से परेशान है। इसका का क्या इलाज है?- विवेक कुमार, वसुंधरा सेक्टर पांच जवाब : न्यूरोलाजिकल डिसआर्डर रोगों के लिए कोई त्वरित समाधान नहीं होता है, लेकिन रोगी की अच्छी देखभाल उसे लंबे समय तक स्वस्थ रखती है। उपचार के लिए एक अच्छे न्यूरोलाजिस्ट से परामर्श लेने की जरूरत है। इसमें डाक्टर को कई तरह के परीक्षण कराने पड़ सकते हैं। गंभीर परिस्थितियों में आपरेशन करने जरूरत हो सकती है। मरीज को घबराना नहीं चाहिए। ------- सवाल : मेरी उम्र 50 साल है। मेरे पैरों मे सुन्नपन रहता है। - विनोद कुमार, लोनी। जवाब : इस तरह नसों की दिक्कत शुरू होना परेशानी की बात है। यह शुगर की वजह हो भी सकता है। एक बार आप आकर चेक कराकर दवा शुरू करानी होगी। इसका समय पर इलाज कराना बहुत जरूरी है।

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