धान के लिए नुकसानदायक, रबी की फसल के लिए बारिश वरदान
जागरण संवाददाता साहिबाबाद गाजियाबाद में रविवार से सोमवार तक करीब 70 एमएम बारिश हुई।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : गाजियाबाद में रविवार से सोमवार तक करीब 70 एमएम बारिश हुई। बारिश के चलते धान को नुकसान हुआ है। बरसात होने से धान की फसल गिर गई। इससे चावल की गुणवत्ता खराब हो जाएगी। हालांकि यह बारिश रबी की फसल के लिए वरदान साबित होगी। बारिश से जिले के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) में रिकार्ड गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को अधिकतम तापमान 25 और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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खेतों में गिर गई धान की पकी फसल :
जिले के लोनी, मोदीनगर, मुरादनगर समेत अन्य इलाकों में बारिश से धान की फसल गिर गई है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कृषि विज्ञानी डा. डीके सचान के मुताबिक बारिश से कटे धान को भी नुकसान हुआ है। धान की खड़ी फसल गिर गई है। पानी से धान में फंगस लग जाएगी। साथ ही चावल की गुणवत्ता खराब होगी। इससे धान के रेट में भी गिरावट आएगी। वहीं, दूसरी ओर यह बारिश रबी की फसल जैसे सरसो, मटर, चना आदि के लिए वरदान साबित होगी। क्योंकि इन फसलों को बोने के लिए सिचाई की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। रविवार से शुरू हुई बारिश मानसून की आखिरी बारिश है। मानसून जाने के दौरान हर वर्ष हल्की बारिश होती है लेकिन इस बार ज्यादा हुई है।
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बारिश से धुला प्रदूषण :
जिले में 15 अक्टूबर के बाद हर साल प्रदूषण बढ़ जाता है। एक्यूआइ 250 के ऊपर रहता है। पिछले पांच साल में पहली बार गाजियाबाद में बारिश के कारण 18 अक्टूबर को प्रदूषण दूर हुआ। सोमवार को हवा बिल्कुल साफ हो गई। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। बारिश से विभिन्न सड़कों के किनारे पेड़-पौधों पर जमी धूल धुल गई।
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18 अक्टूबर को एक्यूआइ के आंकड़े:
वर्ष एक्यूआइ
2021 45
2020 280
2019 253
2018 330
2017 500
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नुकसान का होगा आकलन :
किसानों ने करीब 50 प्रतिशत नुकसान होने का आशंका जताई है। ग्रामीणों ने अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई है। उपजिलाधिकारी शुभांगी शुक्ला का कहना है कि समस्त लेखपाल को निरीक्षण कर नुकसान के आकलन के लिए निर्देशित किया गया है। रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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बोले किसान :
करीब 80 बीघे धान की खेती की है। फसल पक कर पुरी तरह से तैयार थी। बारिश के कारण फसल गिर गई। इससे लाखों का नुकसान हो गया। - नीरज त्यागी, मीरपुर हिदू गांव करीब 28 बीघे धान की खेती की है। धान में बालियां आ चुकी हैं। फसल कटने के लिए तैयार थी। बारिश से धान गिर गया। खेत में पानी भी भर गया है। - प्रवीण कसाना, शकलपुरा गांव