सावन के साथ बाजार में आई घेवर की मिठाई

संवाद सहयोगी लोनी सावन माह शुरू होने पर बाजार घेवर की सुगंध से महकने लगे हैं। कोरो

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 08:12 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 08:12 PM (IST)
सावन के साथ बाजार में आई घेवर की मिठाई
सावन के साथ बाजार में आई घेवर की मिठाई

संवाद सहयोगी, लोनी : सावन माह शुरू होने पर बाजार घेवर की सुगंध से महकने लगे हैं। कोरोना वायरस के चलते लोग घरों से कम निकल रहे हैं। जिसके चलते दुकान संचालक मांग के अनुरूप घेवर तैयार कर रहे हैं। फिलहाल क्षेत्र की प्रतिष्ठित दुकानों पर ही घेवर देखने को मिल रहा है।

घेवर सावन की विशेष मिठाई मानी जाती है। सावन माह के त्योहार हरियाली तीज-रक्षाबंधन बहन और बेटियों से जुड़े हैं। तीज पर ग्रामीण क्षेत्रों में घेवर और मीठी मट्ठी बहन और बेटियों के घर भेजने की परंपरा है। सावन माह में घेवर की बिक्री अधिक होती है। बाजार में फिलहाल दो तरह के मावा और बिना मावा वाले घेवर हैं। अभी मावे वाले घेवर की डिमांड ज्यादा देखने को मिल रही है। बाजार में दुकान संचालक आगंतुकों को घेवर खिलाते देखे जा सकते हैं। 200 से 500 रुपये प्रति किलो घेवर: बाजार में कई किस्म के घेवर देखने को मिलते हैं। बाजार में बिना मावा वाला घेवर 200, मावा वाला 300 रुपये प्रति किलो के रेट से बेचा जा रहा है। हलवाई रामभरोसे बताते हैं कि ऑन डिमांड देशी घी और मलाई वाला घेवर तैयार किया जाता है। जिसका रेट 400 से 500 रुपये प्रति किलो रहता है। गुणवत्ता का रख रहे ध्यान:

उपजिलाधिकारी खालिद अंजुम ने बताया कि दुकान संचालकों को घेवर में इस्तेमाल करने वाले मावे की गुणवत्ता बेहतर रखने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है।

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