प्लास्टिक टूरिज्म का शहर बनेगा गाजियाबाद

फोटो एसबीडी 25 -खराब प्लास्टिक को इस्तेमाल में लाकर शहर को बनाएंगे सुंदर -पिक सिटी की

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 08:30 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:15 PM (IST)
प्लास्टिक टूरिज्म का शहर बनेगा गाजियाबाद
प्लास्टिक टूरिज्म का शहर बनेगा गाजियाबाद

फोटो एसबीडी 25

-खराब प्लास्टिक को इस्तेमाल में लाकर शहर को बनाएंगे सुंदर

-पिक सिटी की तर्ज पर बनेगा प्लास्टिक टूडेज सिटी

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : नगर निगम गाजियाबाद को प्लास्टिक टूरिज्म शहर बनाएगा। खराब प्लास्टिक को इस्तेमाल में लाकर शहर को इतना खूबसूरत बनाया जाएगा कि लोग गजब गाजियाबाद कहेंगे। शनिवार को कौशांबी के ईडीएम (ईस्ट देल्ही मॉल) स्थित एक होटल में मिनिस्ट्री आफ हाउसिग एंड अर्बन अफेयर्स के सेक्रेटरी डीएस मिश्रा ने प्लास्टिक टूरिज्म प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि राजस्थान में गुलाबी रंग को महत्व देकर पिक सिटी बना दिया गया। इसी तरह हम खराब प्लास्टिक का सदुपयोग कर शहर को इतना खूबसूरत बनाया जाएगा। इस तरह गाजियाबाद को प्लास्टिक टूरिज्म शहर बनाया जा सकता है। शहर में नगर निगम आइपीसीए व अन्य की मदद से बेकार प्लास्टिक से अब तक टाइल्स, बैठने के लिए बेंच, स्टूल, कुर्सी, बोर्ड व अन्य सजावटी सामान बनाना जा चुका है जो शहर की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं। जल्द ही बेकार प्लास्टिक से बनाए गए सामानों से शहर के प्रवेश द्वार और चौराहों की सुंदरता बढ़ाई जाएगी जिन्हें देखकर लोग कहेंगे- गजब गाजियाबाद। महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि दर्जनों कंपनियों के साथ बैठक कर यह निर्णय लिया गया है कि वह बेकार प्लास्टिक से शहर की सड़क व गलियों को खूबसूरत बनाएंगे। इसके बाद उन गलियों व सड़कों को अपना नाम भी दे सकेंगे।

मुख्य अतिथि मिनिस्ट्री आफ हाउसिग एंड अर्बन अफेयर्स के सेक्रेटरी डीएस मिश्रा, नगर निगम की महापौर आशा शर्मा, नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर व अन्य ने प्लास्टिक टूरिज्म का उद्घाटन किया।

कूड़ा गाड़ी पहुंचने से पहले बजे का अलार्म : नगरायुक्त ने कहा कि एक ऐसा मोबाइल एप बनाया जा रहा है जिससे लोगों को यह पता चलेगा कि कूड़ा गाड़ी कितनी देर में उनके घर पर पहुंचेगी। एप्लीकेशन पर कूड़ा गाड़ी की लोकेशन भी होगी। सुविधानुसार लोग एप पर अलार्म सेट कर सकेंगे जिससे कूड़ा गाड़ी पहुंचने से पहले ही अलार्म बज जाएगा। इतना ही नहीं, सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग करने के लिए 10,000 डस्टबिन भी बनवाई जा रही हैं। बता दें कि शहर से रोज 1,500 टन कूड़ा निकलता है।

जल संरक्षण के लिए तालाबों का जीर्णोद्धार : एक सर्वे के मुताबिक वर्ष 2031 तक भूजल स्तर खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगा। दिल्ली एनसीआर हाई रिस्क जोन में है। नगरायुक्त का कहना है कि 46 तालाबों को चिह्नित किया गया है जो अपना अस्तित्व खोने की कगार पर है। इनमें से 25 तालाबों की सफाई करवा कर उन में पानी भरा जा रहा है। अभी इन तालाबों में वर्षा जल जमा होगा और भू जल संचय होगा। सभी तालाबों के किनारे तार लगाकर घूमने के लिए ट्रैक बनाया जाएगा। बेकार प्लास्टिक से बनी बेंच लगाई जाएंगी।

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