बुखार होने पर जांच कराएं, डेंगू से बचाव के लिए सावधानी बरतें

जिले में डेंगू के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। मलिन बस्तियों के साथ पाश इलाकों में भी डेंगू

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 06:29 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 06:29 PM (IST)
बुखार होने पर जांच कराएं, डेंगू से बचाव के लिए सावधानी बरतें
बुखार होने पर जांच कराएं, डेंगू से बचाव के लिए सावधानी बरतें

जिले में डेंगू के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। मलिन बस्तियों के साथ पाश इलाकों में भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में रोज बुखार के एक हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में डेंगू से बचाव एवं रोकथाम को लेकर सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। दैनिक जागरण के मदन पांचाल ने जिला एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन आरपी सिंह से डेंगू को लेकर विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं कुछ अंश: सवाल-डेंगू और वायरल में क्या अंतर है? जवाब- डेंगू एडीज मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर सुबह-शाम को ही काटता है। मच्छर के शरीर पर धारियां होने की वजह से इसे टाइगर मच्छर भी कहते हैं। यह रुके हुए साफ पानी में पनपता है। वायरल मौसम बदलने एवं खानपान में बदलाव के चलते साधारण वायरस से फैलता है। इसमें जुकाम के साथ गले में खरास होती है। डेंगू होने पर तीन दिन तक लगातार तेज बुखार होता है जबकि वायरल में बुखार उतरता-चढ़ता रहता है। डेंगू में शरीर पर लाल चकत्ते के निशान पड़ जाते हैं जबकि वायरल में निशान नहीं पड़ते हैं। सवाल-डेंगू का पता लगाने को कौन सी जांच कहां करानी चाहिए ? जवाब- डेंगू के लिए पांच जांच जरूरी हैं। इनमें कंपलीट ब्लड काउंट(सीबीसी), टोटल लीकोसाइटस काउंट (टीएलसी), टाइफाइड, मलेरिया और डेंगू शामिल हैं। जिला अस्पताल में सभी जांच निश्शुल्क होती हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर भी सैंपल दे सकते हैं। आइडीएसी लैब में मलेरिया और डेंगू की जांच 24 घंटे की जा रही है। सवाल-डेंगू होने पर अस्पताल में भर्ती होना चाहिए अथवा नहीं है? जवाब- डेंगू बुखार होने पर घर में ही क्वारंटाइन हो जाना चाहिए। चिकित्सक की सलाह पर दवाएं लेनी चाहिए। डेंगू होने पर रक्तस्त्राव होने और प्लेटलेट्स कम होने पर अस्पताल में भर्ती होना चाहिए। घबराने की जरूरत नहीं है। अधिकांश मरीज घर रहकर ठीक हो रहे हैं। सवाल-डेंगू होने पर खानपान कैसा रखना चाहिए? जवाब- कोरोना की तरह डेंगू की चपेट में भी अधिकांश वह लोग ही आ रहे हैं जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। इसलिए सुपाच्य एवं पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। खाने में पेय पदार्थ बढ़ा देने चाहिए। जूस, नारियल पानी, नींबू शिकंजी और ओआरएस का घोल रोज ले सकते हैं। बाहर के खाद्य पदार्थो का सेवन कतई न करें। खिचड़ी, दलिया, अंकुरित दाल-चने खाने चाहिए। हल्का खाना लेना बेहतर होगा।

-------------- जरूरी बातें

----------- डेंगू के लक्षण को सात तरीकों से पहचानें

- सिर दर्द

- जी मिचलाना

- उल्टी होना

- मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना

- आंखों के पीछे दर्द होना

- मांसपेशियों में सूजन

- त्वचा पर लाल चकत्ते

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क्या करें

- बर्तनों को ढककर रखें

- मच्छरदानी में ही सोएं

- एडीज मच्छर दिन में काटता है। पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहने

- डेंगू बुखार के उपचार के लिए कोई विशेष दवा नहीं है। इसलिए डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

- मच्छरों से बचाव के लिए खिड़की व दरवाजों पर जाली लगाएं।

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क्या न करें

- घर के आसपास, कूलर एवं बर्तनों में पानी जमा न होने दें

- बुखार होने पर उसे नजरअंदाज न करें

- शाम को दरवाजे एवं खिड़की खुला करके न रखें

- कबाड़ की वस्तुओं को घर में न रखें

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बुखार होने पर इनको फोन करें

8090002018 जिला सर्विलांस अधिकारी डा. आरके गुप्ता

9810354002 जिला मलेरिया अधिकारी डा. ज्ञानेंद्र मिश्रा

9958730038 सीएमएस जिला एमएमजी अस्पताल डा. अनुराग भार्गव

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