साढ़े छह घंटे किसानों ने किया जीडीए कार्यालय का घेराव, अधिकारियों के आश्वासन पर लौटे
जागरण संवाददाता गाजियाबाद एक समान मुआवजे की मांग को लेकर सोमवार को मधुबन-बापूधाम योजन
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :
एक समान मुआवजे की मांग को लेकर सोमवार को मधुबन-बापूधाम योजना से प्रभावित किसानों व महिलाओं ने जीडीए कार्यालय का घेराव किया। दोपहर करीब एक बजे पहुंचे किसान देर शाम अधिकारियों के आश्वासन के बाद साढ़े सात बजे वापस लौटे। इस दौरान साढ़े छह घंटे तक जीडीए अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय के अंदर ही बंद रहे। सोमवार दोपहर करीब एक बजे जीडीए कार्यालय पहुंचे किसानों व महिलाओं ने जीडीए अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
किसानों ने जीडीए के दोनों द्वार को घेरकर ट्रैक्टर-ट्राली खड़े कर दिए थे। इस दौरान न किसी को अंदर जाने दिया गया और न किसी को बाहर आने दिया गया। देर शाम एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल, एडीएम सिटी विपिन कुमार, जीडीए ओएसडी गुंजा सिंह, एसडीएम सदर विनय कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। एसपी सिटी प्रथम ने जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश से बात की। उन्होंने सोमवार को किसानों के साथ बैठक करने की बात कही। यह बात एसपी सिटी प्रथम ने किसानों को बताई और आश्वासन दिया कि सोमवार तक मौके पर किसी तरह का कोई कार्य नहीं होने दिया जाएगा। इसके बाद किसान वापस लौटे। घेराव करने वालों में मुख्य रूप से सुरदीप शर्मा, गौरी शंकर, ब्रहमपाल शर्मा, बोस डबास, मनोज चौधरी, संदीप चौधरी, महेंद्र मुखिया, धर्मवीर आदि मौजूद थे।
-------------
- क्या है मामला -
मधुबन-बापूधाम योजना के लिए जीडीए ने वर्ष 2004 में छह गांवों की 1,234 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया था। 800 एकड़ जमीन का तो करार कर लिया गया था। बची 434 एकड़ जमीन के मालिक किसान व सहारा ग्रुप अधिग्रहण के खिलाफ हाई कोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने जीडीए के पक्ष में फैसला दिया, जिसके बाद जीडीए को धीरे-धीरे 153 एकड़ जमीन और मिल गई, लेकिन 281 एकड़ जमीन, जिसमें किसानों के अलावा 91 एकड़ जमीन सहारा ग्रुप की थी, इसका विवाद नहीं सुलझ सका। वर्ष 2010 में मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2016 में नए भू-अधिग्रहण कानून के अनुसार मुआवजा देकर जमीन लेने के आदेश दिए। इसके बाद जीडीए ने 1200 करोड़ रुपये का लोन लेकर किसानों को नए भू-अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा दिया।
-----------------
- क्या है किसानों की मांग - 800 एकड़ जमीन के किसान, जो जमीन का मुआवजा ले चुके हैं। उनकी मांग है कि उन्हें भी 281 एकड़ जमीन के किसानों की तरह बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में जीडीए और किसानों के बीच एक करार हुआ था जिसमें यह तय किया गया था कि भविष्य में उक्त योजना के किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाता है तो अन्य किसानों को भी बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाएगा।
----------
- यह है पेच -
जीडीए अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि नए अधिग्रहण कानून के तहत बढ़ा हुआ मुआवजा देने का आदेश 281 एकड़ जमीन के 76 किसानों के लिए है। इसीलिए जीडीए अन्य किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं दे सकता है।
----------
- लगा जाम, करना पड़ा डायवर्जन - किसानों के जीडीए कार्यालय के बाहर बैठने के कारण पुराना बस अड्डा पर पूरे दिन जाम की स्थिति रही। शहरवासियों को काफी परेशानी हुई। फ्लाईओवर के ऊपर से जाने वाले वाहन भी जाम में फंसे। इसके अलावा बस अड्डे की ओर आने वाले चारों मार्ग पर जाम लगा रहा। एसपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि फ्लाईओवर के नीचे से जीडीए कार्यालय की ओर जाने वाले वाहनों को घूकना मोड़ की ओर से भेजा गया।