बकायेदारों से 1200 करोड़ वसूली की तैयारी में जुटा जीडीए
जागरण संवाददाता गाजियाबाद जीडीए की विभिन्न योजनाओं में फ्लैट लेकर 6545 आवंटियों ने पैसा जमा नहीं किया। इन पर प्राधिकरण का करीब 1200 करोड़ रुपये बकाया है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जीडीए की विभिन्न योजनाओं में फ्लैट लेकर 6545 आवंटियों ने पैसा जमा नहीं किया। इन पर प्राधिकरण का करीब 1200 करोड़ रुपये बकाया है। बकाया जमा न होने का कारण है कि ज्यादातर मूल आवंटियों द्वारा पावर आफ अटार्नी के आधार पर फ्लैट बेच दिए गए हैं। जीडीए को बकाया का भुगतान मूल आवंटी को करना था, लेकिन मूल आवंटी ने बकाया जमा नहीं किया और फ्लैट आगे तीन-चार बार पावर आफ अटार्नी के आधार पर ही बेच दिए गए। जीडीए द्वारा बकाया वसूली के लिए मूल आवंटी के नाम नोटिस जारी होता है, लेकिन मौके पर काबिज लोग, जिन्होंने पावर आफ अटार्नी के आधार पर फ्लैट खरीदा है, उनके द्वारा मूल आवंटी के नाम भेजा गया नोटिस लौटा दिया जाता है। कई साल से यह मामला ऐसे ही लंबित चल रहा है। बकायेदारों से वसूली के लिए जीडीए ने प्रस्ताव तैयार कर शासन में भेजा है। क्या है प्रस्ताव : 30 जून 2005 तक शासन ने विशेष योजना चलाई थी। इसके तहत आखिरी पावर आफ अटार्नी वालों को ही असली मालिक मानते हुए बकाया रकम पर दंड ब्याज सहित वसूलकर उन्हीं के नाम रजिस्ट्री की गई थी। जीडीए ने फिर से यह प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है कि इस योजना को फिर से शुरू किया जाए, ताकि 6545 बकायेदारों से बकाया 1200 करोड़ रुपये की वसूली की जा सके। बकाया रकम मिलने से खुलेगी विकास की राह : जीडीए वर्तमान में पैसों की कमी से जूझ रहा है। पैसों की कमी से ही कई प्रोजेक्ट लंबित चल रहे हैं। बकाया रकम मिलने से जीडीए लंबित प्रोजेक्ट को पूरा कर सकेगा। साथ ही नई योजनाओं पर काम कर सकेगा। बकाया रकम मिलने से शहर के विकास की रफ्तार को तेज करने में काफी मदद मिलेगी। वर्जन..
बकाया रकम की वसूली के लिए लगातार मंथन चल रहा है। इसी कड़ी में प्रस्ताव बनाकर शासन में भेजा गया है। हरी झंडी मिलने के बाद ही आगे कोई कार्रवाई होगी।
- सीपी त्रिपाठी, अपर सचिव, जीडीए।