कोरोना के प्रकोप से थमा विकास का पहिया

विवेक त्यागी गाजियाबाद कोरोना के प्रकोप से शहर में विकास का पहिया थम गया है। एक तर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 08:55 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 08:55 PM (IST)
कोरोना के प्रकोप से थमा विकास का पहिया
कोरोना के प्रकोप से थमा विकास का पहिया

विवेक त्यागी, गाजियाबाद :

कोरोना के प्रकोप से शहर में विकास का पहिया थम गया है। एक तरफ कामगारों के काम पर न आने के कारण विकास प्रोजेक्ट रूक गए हैं, वहीं दूसरी तरफ गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की प्रापर्टी भी नहीं बिक पा रही हैं। इसके अलावा बकाया वसूली भी शून्य हो गई है। शहर के विकास के पहिये को फिर से किस तरह ट्रैक पर लाया जाए, प्राधिकरण के वरिष्ठ अफसर इस पर मंथन में जुटे हैं।

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- इन प्रमुख विकास कार्यो पर कोरोना की मार - - रुक गया है बुनकर मार्ट का काम। - मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे फ्लैटों का काम रुका।

- मधुबन-बापूधाम में बन रही अंदरुनी सड़कों व सीवर लाइन डालने के काम पर लगा ब्रेक।

- बंद पड़ा है धोबीघाट रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण।

- थम गया है मधुबन-बापूधाम योजना के पास बन रहे आरओबी का काम।

- हरनंदी नदी पर पुल बनाने का काम लटका है अधर में।

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- मात्र 25 फीसद कर्मचारी ही आ रहे हैं कार्यालय - कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के कारण जीडीए के अभियंता, बाबू समेत कई कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। कई अन्य कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं, जिनका उपचार चल रहा है। इसके अलावा कई अधिकारियों की ड्यूटी कोविड कंट्रोल रूम व कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अन्य कार्यों में लगाई गई है। एहतियात के तौर पर कार्यालय में कम स्टाफ को बुलाया जा रहा है। कर्मचारियों को कार्यालय आने के लिए रोस्टर सिस्टम लागू कर दिया गया है। अब प्रतिदिन 25 फीसद कर्मचारी ही कार्यालय आ रहे हैं जो कागजी कार्रवाई समेत कार्यालय में पेंडिग पड़े कामों को निपटा रहे हैं।

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- हर माह 15 करोड़ की प्रापर्टी बेचता था जीडीए - कोरोना काल में सभी लोग घरों में कैद हैं। ऐसे में विकास योजनाओं का पहिया थमने के साथ जीडीए की आय भी घट गई है। अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर फैलने से पहले जीडीए हर माह करीब 15 करोड़ की प्रापर्टी बेच देता था लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बाद बचाव के मद्देनजर प्रापर्टी की नीलामी पर रोक लगा दी गई थी। ऐसे में जीडीए को होने वाली आय भी घट गई है। वहीं कोरोना की दूसरी लहर जब से तेजी से फैली है। उसके बाद से नक्शा पास कराने के लिए आवेदन नहीं आ रहे हैं। वहीं कर्मचारियों की कमी के चलते जीडीए फिलहाल बकायेदारों से वसूली के लिए भी कोई खास कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

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वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण निश्चित रूप से विकास योजनाओं व प्राधिकरण को होने वाली आय पर फर्क पड़ा है। हालात में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

- संतोष कुमार राय, जीडीए सचिव।

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