संपत्ति हथियाने को 20 साल में की परिवार के पांच लोगों की हत्या
जागरण संवाददाता मुरादनगर थाना क्षेत्र के सैंथली गांव में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घट
जागरण संवाददाता, मुरादनगर : थाना क्षेत्र के सैंथली गांव में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिसमें संपत्ति हथियाने के लिए आरोपित लीलू त्यागी ने 20 साल पहले अपने बड़े भाई की हत्या कर उसकी पत्नी से शादी कर ली। फिर अपनी दो भतीजियों और दो भतीजों को भी मौत की नींद सुला दिया। आरोपित ने चार हत्याओं को इतने शातिराना अंदाज में अंजाम दिया कि परिवार के किसी सदस्य को शक तक नहीं हुआ, यहां तक कि हत्या या गुमशुदगी का मामला भी दर्ज नहीं हुआ। इतना ही नहीं, तीन शवों का आज तक पता भी नहीं चला है। कहते हैं कि पाप का घड़ा एक दिन फूटता है, कुछ इसी तरह पांचवीं हत्या की गुत्थी सुलझी तो पुराने मामलों की परतें उखड़तीं चली गई। पुलिस ने आरोपित लीलू के साथ ही उसके साथियों सुरेंद्र व राहुल को गिरफ्तार कर लिया है। सुरेंद्र यूपी पुलिस में दारोगा था। पुलिस लीलू की पत्नी की भूमिका की भी जांच कर रही है।
इस तरह खुला मामला
सैंथली गांव निवासी ब्रिजेश त्यागी (आरोपित का बड़ा भाई) का इकलौता बेटा 28 वर्षीय रेशू आठ अगस्त को अचानक लापता हो गया। कई दिन तक तलाशने के बाद भी जब उसका कोई सुराग नहीं लगा तो पिता ने 15 अगस्त को थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। एएसपी आकाश पटेल ने बताया कि इलेक्ट्रानिक सर्विलांस व पीड़ित से बातचीत के आधार पर ब्रिजेश के छोटे भाई लीलू की भूमिका की जांच की गई तो उस पर संदेह गहरा गया। उसके खिलाफ पुलिस को कई सबूत मिले। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने पूरा राज उगल दिया।
आरोपित लीलू ने पुलिस को बताया कि उसने अपने भतीजे रेशू की अपने साथी सुरेंद्र, विक्रांत व उसके भांजे मुकेश व राहुल के साथ मिलकर अपहरण कर हत्या कर दी थी और शव को बुलंदशहर के पहासू में नहर में फेंक दिया था। सुरेंद्र यूपी पुलिस में दारोगा पद से दो साल पहले रिटायर हुआ है। वह हापुड़ के नंगोला गांव का रहने वाला है। पुलिस ने लीलू, सुरेंद्र व राहुल निवासी उमरारे, गढ़ी, जिला संभल को गिरफ्तार कर लिया है। फरार आरोपित विक्रांत व मुकेश की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। खुला राज तो सबने दबा ली दांतों तले अंगुली:
एसओ मुरादनगर सतीश कुमार ने बताया कि लीलू के सबसे बड़े भाई ब्रिजेश व सुधीर थे। लीलू ने करीब बीस साल पहले सुधीर की हत्या कर दी थी। उसके शव को नदी में फेंक दिया। इसके बाद उसने सुधीर की पत्नी से शादी कर ली और अपनी भतीजी पायल व पारुल को अपने पास रख लिया। पायल को उसने जहर देकर मार दिया। उसके तीन साल बाद उसने पारुल की भी हत्या कर दी और कह दिया कि वह अपनी मर्जी से कहीं चली गई है। हत्या के समय पायल की उम्र आठ व पारुल की उम्र करीब 13 साल थी। उसने दोनों शवों को नदी में फेंक दिया था। सुधीर की पूरी संपत्ति पर उसने कब्जा कर लिया और पूरी जमीन को बेचकर प्रापर्टी का काम शुरू कर दिया। उसने मुरादनगर थाने के सामने मकान भी बना लिया। काफी समय से वह वहीं रहता था। अब उसके पास गांव में कोई जमीन नहीं बची थी। इसके बाद उसने ब्रिजेश की संपत्ति पर निगाह लगा ली। करीब आठ साल पहले ब्रिजेश के बड़े बेटे नीशू का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी और शव को हरनंदी में फेंक दिया। उस समय नीशू की उम्र करीब 21 वर्ष थी। अब उसने रेशू का अपहरण कर हत्या कर दी। इसके बाद उसका अगला निशाना ब्रिजेश व उसकी पत्नी थे, लेकिन इससे पहले ही राजफाश हो गया। चार-चार हत्याओं के बाद भी लीलू ने खुद को इस तरह पेश किया कि किसी को उस पर शक नहीं हुआ और किसी ने मामला भी दर्ज नहीं करवाया। हालांकि गांव में इतनी हत्याओं को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होती रहती थीं।
उधर, इन वारदातों का पर्दाफाश होने से क्षेत्र के लोग दहल गए हैं। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा है कि कोई इतना भी निर्दयी कैसे हो सकता है।