राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन होने पर गर्व का अहसास
जागरण संवाददाता साहिबाबाद पांच सदी से जिस दिन का इंतजार था वह दिन बुधवार को आ गया। प्रधा
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: पांच सदी से जिस दिन का इंतजार था, वह दिन बुधवार को आ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचकर राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया तो वह दृश्य टीवी और सोशल मीडिया पर देखकर ट्रांस हिंडन में रहने वाले लोगों की भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनका कहना है कि इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने पर गर्व का अहसास हो रहा है।
इंदिरापुरम निवासी राजेंद्र पाठक का कहना है वह मूल रूप से अयोध्या के रहने वाले हैं। अगर महामारी का प्रकोप और सरकार द्वारा रोक न लगाई जाती तो निश्चित तौर पर भूमिपूजन के अवसर पर अयोध्या में ही होते। उनका कहना है कि महामारी ने भले ही कदम रोक दिए लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता है। राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन होते देख गर्व की अनुभूति हो रही है। वहीं, शिखर एंक्लेव निवासी संदीप गुप्ता का कहना है कि जिस राम मंदिर का निर्माण करने के लिए भूमिपूजन किया गया है, उसके लिए स्वयं भगवान राम को अदालती लड़ाई लड़नी पड़ी। रामलला विराजमान एक पक्ष बने और अंतिम निर्णय उनके ही हक में हुआ। दुनिया में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई है। शालीमार गार्डन निवासी विक्रम कौल ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन होते देख ऐसा लग रहा है जैसे की रामचंद्र जी वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे हैं। संस्कार भारती हरनंदी महानगर के संयोजक और राम मंदिर निर्माण के लिए कार सेवा कर चुके हेमंत वाजपेयी ने बताया कि संकल्प पूरा होने पर गर्व की अनुभूति हो रही है।