तेंदुए के ट्रक में चढ़कर देहरादून से आने की आशंका
जासं गाजियाबाद गाजियाबाद की सीमा में तेंदुए की दस्तक पहली बार नहीं है। इससे पहले भी कई बार तेंदुए यहां दस्तक दे चुके हैं। हां तेंदुआ पहली बार राजकुंज इलाके में जरूर आया है।
जासं, गाजियाबाद: गाजियाबाद की सीमा में तेंदुए की दस्तक पहली बार नहीं है। इससे पहले भी कई बार तेंदुए यहां दस्तक दे चुके हैं। हां, तेंदुआ पहली बार राजकुंज इलाके में जरूर आया है। आखिर तेंदुआ आया कहां से, ये सवाल सभी के मन में है। वन विभाग के अधिकारी आशंका जता रहे हैं कि ये तेंदुआ देहरादून से ट्रक में छुपकर आया है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि तेंदुआ हरनंदी नदी के किनारे चलकर जिले में पहुंच सकता है।
गाजियाबाद क्षेत्र में तीन साल नौकरी कर चुके वन विभाग के रेंजर पद से सेवानिवृत्त आरएच सिद्दीकी ने बताया कि गाजियाबाद में दो रास्तों से तेंदुआ जिले में आ सकता है। तेंदुआ एक रात में 50 किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर सकता है। नदी के किनारे तेंदुआ ज्यादा चलता है। तेंदुआ मेरठ व बागपत की तरफ से हरनंदी के किनारे होते हुए भी आ सकता है। अगर तेंदुआ नदी के किनारे से होकर आता, तो वह सबसे पहले हिडन एयरफोर्स स्टेशन परिसर, लोनी व भोपुरा क्षेत्र का रुख कर सकता था। यह भीड़भाड़ वाले राजकुंज इलाके में देखा गया है। शहर में आता हुआ तेंदुआ किसी को नहीं दिखा। देहरादून से काफी संख्या में मेरठ रोड से होते हुए लकड़ी से भरे ट्रक आते हैं। कई बार तेंदुए उत्तराखंड में ट्रक में चढ़ जाते हैं। राजकुंज कालोनी मेरठ रोड से कुछ दूरी पर ही है। इसलिए ज्यादा संभावना ट्रक में चढ़कर आने की है। हिडन एयरफोर्स स्टेशन परिसर में सहारनपुर व मेरठ के हस्तिनापुर से तेंदुआ आ जाता है। पूर्व में कई बार तेंदुआ गाजियाबाद की सीमा में हिडन एयरफोर्स परिसर, भोपुरा व एलटी सेंटर में आया था।