इस एक व्रत से संपूर्ण एकादशी व्रत का मिलता है फल

जागरण संवाददाता साहिबाबाद ज्येष्ठ माह की एकादशी को रखे जाने वाले निर्जला एकादशी व्रत का सभी एकादशियों का मिलता है फल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 07:27 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 07:27 PM (IST)
इस एक व्रत से संपूर्ण एकादशी व्रत का मिलता है फल
इस एक व्रत से संपूर्ण एकादशी व्रत का मिलता है फल

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : ज्येष्ठ माह की एकादशी को रखे जाने वाले निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। ऐसे लोग जो साल भर के सभी व्रत नहीं रख पाते हैं, उन्हें भी यह व्रत रखना चाहिए। मान्यता है कि इस व्रत को रखकर दान पुण्य करने से सभी एकादशी के व्रत का फल मिलता है।

पंडित गिरीश मिश्रा ने बताया कि पुराणों के मुताबिक एक बार भीमसेन ने महर्षि वेदव्यास से पूछा प्रभु हमारे घर में सब एकादशी का व्रत रखते हैं। मैं भूखा नहीं रह सकता। मुझे कोई ऐसा व्रत बताएं जिस व्रत को रखने से सालभर की संपूर्ण एकादशी के व्रत का फल मिल जाए। इस पर महर्षि व्यास जी ने भीमसेन से कहा कि आप ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत रखों, जिसे निर्जला एकादशी कहते हैं। इस व्रत को रखने से साल भर की संपूर्ण एकादशी के व्रत का फल प्राप्त होगा। इसके बाद से एकादशी का व्रत रखा जा रहा है।

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पानी का महत्व बताता है यह पर्व :

कौशांबी के सेंट्रल पार्क स्थित प्राचीन सनातन धर्म मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि निर्जला एकादशी का व्रत पानी के महत्व को भी बताता है, जो पांच तत्वों में एक है। ज्येष्ठ माह में सर्वाधिक गर्मी होती है। इस दिन लोग शीतलता प्रदान करने वाले फल, सब्जी व घड़ा दान करते हैं, जिससे लोगों की भूख और प्यास मिट सके। कोरोना वायरस से फैली इस महामारी में यदि कोई पूरे दिन निर्जला व्रत नहीं रख सकता है तो वह बिना अन्न पानी ग्रहण किए भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा पाठ करने के बाद दान पुण्य करे इसके बाद पानी पी लें।

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