किसानों ने रोका दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम, मुरादाबाद गांव में धरना शुरू

जागरण संवाददातामोदीनगरदिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में अधिगृहित हुई जमीन का एक समान मुआवजा ि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 06:52 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 06:52 PM (IST)
किसानों ने रोका दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम, मुरादाबाद गांव में धरना शुरू
किसानों ने रोका दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम, मुरादाबाद गांव में धरना शुरू

जागरण संवाददाता,मोदीनगर:

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में अधिगृहित हुई जमीन का एक समान मुआवजा दिलाए जाने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को बुलाई गई किसानों की पंचायत दोपहर बाद अनिश्चितकालीन धरने में तब्दील हो गई। इतना ही नहीं, किसानों ने एक्सप्रेस-वे का काम भी रोक दिया। अधिकारियों की लाख कोशिश के बाद भी किसान उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुए। किसानों ने 5 जुलाई को हस्तिनापुर आ रहे मुख्यमंत्री से मिलने की योजना बनाई है।

मोदीनगर तहसील क्षेत्र के 13 गांवों के किसान लंबे समय से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में अधिगृहित हुई जमीन का एक समान मुआवजा, सर्विस रोड आदि मांगों को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं। भीषण गर्मी के बावजूद बृहस्पतिवार को अपनी पूरी तैयारी के साथ बड़ी तादाद में क्षेत्र के किसान मुरादाबाद गांव में पहुंचे थे। सपा के वरिष्ठ नेता अतुल प्रधान भी किसानों को अपना समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने कहा कि मुआवजे को लेकर किसानों से लगातार झूठ बोला जा रहा है, लेकिन इस बार लड़ाई आरपार की होगी। किसानों ने भी उनकी बात का समर्थन किया और एक्सप्रेस-वे का काम रोकने की योजना बना ली। इसके बाद गाजियाबाद से एडीएम वित्त यशवर्धन श्रीवास्तव, एसपी देहात नीरज कुमार जादौन किसानों के बीच पहुंचे। एडीएम ने एक समान मुआवजे के मामले में अब तक हुई प्रगति की पूरी जानकारी दी और किसानों से अपील की कि वे धैर्य रखें। इस प्रकरण मे निश्चित ही कुछ न कुछ सकारात्मक होगा। वहीं, एसपी देहात ने कोरोना जैसी बीमारी का हवाला देते हुए किसानों से अपील की कि वे बीमारी का प्रकोप कम होने पर आंदोलन कर लें। इस समय आंदोलन किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है।

इस दौरान उन्होंने किसानों को समझाने के लिए पूर्वाचल के किसानों की स्थिति के बारे में भी बताया। कहा कि पश्चिम के किसानों की स्थिति पूर्वाचल के किसान परिवारों से बहुत अच्छी है। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी एक छोटे किसान परिवार से हैं। तमाम तरह की समस्याएं उन्होंने भी झेली हैं। तहसीलदार उमाकांत तिवारी ने भी किसानों को समझाने की भरसक कोशिश की, लेकिन किसानों ने अधिकारियों की एक नहीं सुनी और एक्सप्रेस-वे का काम रोकने की जिद पर अड़े रहे। शाम चार बजे के आसपास जब अधिकारियों को लगा कि अब किसान अपने निर्णय से पीछे हटने वाले नहीं हैं तो एडीएम व एसपी देहात वहां से चले गए। इसके बाद किसानों ने एक्सप्रेस-वे का काम रोक दिया। आंदोलन का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना अनिश्चितकालीन धरना चलाएंगे। 5 जुलाई को मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ का मेरठ के हस्तिनापुर में आने का कार्यक्रम है, इसलिए 5 जुलाई को किसान हस्तिनापुर के लिए कूच करेंगे और मुख्यमंत्री को अपनी समस्या से अवगत कराएंगे। उधर, किसानों के आंदोलन को देखते हुए धरनास्थल को सुबह ही छावनी में तब्दील कर दिया गया था।

एक-एक कंपनी आरआरएफ, आरएएफ भी तैनात की गई थी। इसके अलावा मोदीनगर, निवाड़ी, भोजपुर से तमाम पुलिसबल वहां तैनात किया गया था। सीओ प्रभात कुमार, एसएचओ भोजपुर धर्मेद्र कुमार भी पूरे दिन धरनास्थल पर मौजूद रहे और किसानों को काबू करने के लिए अपना पसीना बहाया। इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. बबली गुर्जर, रालोद नेता अमरजीत सिंह बिड्डी, सतेंद्र तोमर, सतीश राठी, रणबीर दहैया, दलबीर सिंह, आप नेता सचिन तेवतिया आदि अनेक लोग मौजूद रहे। गौर हो कि किसानों ने 11 जून को भी धरना देकर एक्सप्रेस-वे का काम रोक दिया था, लेकिन अधिकारियों ने 18 जून को एनएचएआइ और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उनकी बैठक कराकर समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया और काम को दोबारा शुरू करा दिया था, लेकिन 18 जून को भी कोई हल नहीं हो सका। इसके बाद किसानों ने 2 जुलाई को काम रोकने की योजना बनाई थी।

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