घर के माहौल को सकारात्मक रखकर परिवार ने जीती कोरोना से जंग
जागरण संवाददाता गाजियाबाद परिवार में एकजुटता हो तो कोई भी बड़ी मुसीबत ज्यादा देर नहीं ठहर पाती। चाहे वह कोरोना वायरस ही क्यों न हो। कुछ इसी तरह से परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और एक-दूजे की फिक्र कोरोना पर भारी पड़ी। एमएमजी अस्पताल में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ.अनिल कुमार विश्वकर्मा का पूरा परिवार करीब 16 दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गया था।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : परिवार में एकजुटता हो तो कोई भी बड़ी मुसीबत ज्यादा देर नहीं ठहर पाती। चाहे वह कोरोना वायरस ही क्यों न हो। कुछ इसी तरह से परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और एक-दूजे की फिक्र कोरोना पर भारी पड़ी। एमएमजी अस्पताल में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ.अनिल कुमार विश्वकर्मा का पूरा परिवार करीब 16 दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गया था।
छोटी बेटी प्रथ्याशा को बुखार आया था। इस पर कोरोना की जांच कराई तो रिपोर्ट संक्रमित होने की आई। इसके बाद बाद एहतियात के तौर पर बड़ी बेटी इशिता की जांच कराई थी, तो वह भी कोरोना संक्रमित थी। दोनों बेटियों को आइसोलेट कर दिया और घर से ही उपचार शुरु कर दिया। डॉ.अनिल विश्वकर्मा और उनकी पत्नी नम्रता की रिपोर्ट उस समय तो नेगेटिव आ गई, लेकिन तीन दिन बाद ही बुखार होने पर फिर से जांच कराई तो वह भी कोरोना संक्रमित थे।
अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि पूरा परिवार संक्रमित था। बेटी और पत्नी को लेकर चिता भी थी, लेकिन उनकी पत्नी नम्रता ने भी उनका हौसला बढ़ाया और सभी ने मिलकर घर के माहौल को सकारात्मक ही रखा। एक-दूजे से बातचीत भी करते रहे। इस दौरान सभी को परेशानी हुई, पर घर का माहौल हल्का-फुल्का रहा तो आइसोलेशन के दिन भी आसानी से कट गए। दवाओं के साथ आयुर्वेदिक उपचार भी किया। भाप ली और हल्दी का दूध आदि भी लेते रहे। करीब आठ दिन में ही सभी की तबीयत ठीक हो गई। फिलहाल सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉ. विश्वकर्मा एमएमजी अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनका कहना है कि सभी की दुआ और ईश्वर के आशीर्वाद से सब कुछ ठीक हो गया है अब बस जल्दी ही वह फिर से अपनी ड्यूटी ज्वाइन करेंगे।