जिले में हर माह 60 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी

जागरण संवाददाता गाजियाबाद जनपद में बिजली चोरी के मामलों में तमाम प्रयासों के बावजूद कोई कमी नहीं आई है। उपभोक्ताओं से हर माह करीब 400 करोड़ रुपये से अधिक की बिलिग होती है। जनपद के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में हर माह इसके अलावा 60 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी हो रही है। बिजली विभाग के मुख्य अभियंता एसके पुरवार ने बताया कि बिजली चोरी के सर्वाधिक मामले लोनी मोदीनगर और मुरादनगर में हैं। बिजली चोरी की रोकथाम के लिए डीटी मीटर लगाने की शुरुआत जिले के निवाड़ी गांव से की गई। इन क्षेत्रों में डीटी मीटर और आरटीडास की मदद से बिजली चोरी पकड़ में आई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:33 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:33 PM (IST)
जिले में हर माह 60 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी
जिले में हर माह 60 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जनपद में बिजली चोरी के मामलों में तमाम प्रयासों के बावजूद कोई कमी नहीं आई है। उपभोक्ताओं से हर माह करीब 400 करोड़ रुपये से अधिक की बिलिग होती है। जनपद के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में हर माह इसके अलावा 60 करोड़ रुपये से अधिक की बिजली चोरी हो रही है। बिजली विभाग के मुख्य अभियंता एसके पुरवार ने बताया कि बिजली चोरी के सर्वाधिक मामले लोनी, मोदीनगर और मुरादनगर में हैं। बिजली चोरी की रोकथाम के लिए डीटी मीटर लगाने की शुरुआत जिले के निवाड़ी गांव से की गई। इन क्षेत्रों में डीटी मीटर और आरटीडास की मदद से बिजली चोरी पकड़ में आई है।

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली चोरी के मामले 29 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 10 प्रतिशत है। बिजली चोरी रोकने के लिए जनपद में करीब 28 हजार ट्रांसफार्मर पर डीटी मीटर लगाने का कार्य चल रहा है, जिसकी शुरूआत मोदीनगर के निवाड़ी से की गई है। इस मीटर के माध्यम से ट्रांसफार्मर से उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाली आपूर्ति का डाटा अफसर आसानी से निकाल सकेंगे। तकनीक की मदद से संबंधित ट्रांसफार्मर से जुड़े कनेक्शन की बिजली खपत का पता भी कर सकेंगे। वहीं विद्युत आपूर्ति की आनलाइन निगरानी के लिए उपकेंद्रों पर रियल टाइम डाटा एक्विजेशन सिस्टम (आरटीडास) लगाए हैं। सभी उपकेंद्रों को विद्युत निगम के कंट्रोल रूम से कनेक्ट कर दिया गया है। पकड़ में आया बिजली चोरी के तरीका : बिजली चोरी के कुछ सामान्य तरीके हैं, जो अभी तक विभागीय टीम ने पकड़े हैं। इनमें लाइन या पोल पर कटिया डालकर बिजली चोरी की जाती हुई, मीटर में शंटिग करके बड़े पैमाने पर बिजली चोरी, मीटर में केबिल से पहले कट लगाकर बिजली चोरी के मामले सर्वाधिक पकड़ में आए हैं। बाक्स..

कैसे काम करता है डीटी मीटर

-ट्रांसफार्मर की क्षमता बताता है।

-ट्रांसफार्मर ने फीडर से कितनी सप्लाई प्राप्त की।

-ट्रांसफार्मर से जुड़े वैध कनेक्शनों में कितनी खपत हुई।

-अवैध कनेक्शनों के रूप में कितनी बिजली चोरी हुई।

-ट्रांसफार्मर कितना ओवरलोड चल रहा है।

-कितना लाइन लास हुआ।

नोट : यह जानकारी डीटी मीटर के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को लगेगी। बाक्स..

ओटीएस योजना का किया प्रचार

राजनगर स्थित विद्युत उपकेंद्र परिसर में अवर अभियंता प्रमोद कुमार ने 21 अक्टूबर से 30 नवंबर तक लागू एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) का प्रचार प्रसार किया। उन्होंने उपभोक्ताओं को बकाया बिल राशि पर दो किलोवाट तक के ब्याज पर 100 प्रतिशत और पांच किलोवाट से कम के घरेलू व वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को 50 फीसदी ब्याज दर में छूट की जानकारी दी।

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