मजहब देखे बगैर इंसानियत बचाने को प्लाज्मा डोनेट करें : इमाम इलयासी

शाहनवाज अली गाजियाबाद रमजान का पाक महीना चल रहा है। वहीं पूरा मुल्क कोरोना जैसी बीमार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:37 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:37 PM (IST)
मजहब देखे बगैर इंसानियत बचाने को प्लाज्मा डोनेट करें : इमाम इलयासी
मजहब देखे बगैर इंसानियत बचाने को प्लाज्मा डोनेट करें : इमाम इलयासी

शाहनवाज अली, गाजियाबाद

रमजान का पाक महीना चल रहा है। वहीं, पूरा मुल्क कोरोना जैसी बीमारी से जूझ रहा है। इन हालात में सबसे ज्यादा एक दूसरे की मदद करना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। इबादत इसी का नाम है कि हम दूसरों के काम आएं दूसरों का भला करें। कोरोना की चपेट में आकर उबर चुके लोग मजहब देखे बगैर इंसानियत बचाने के लिए प्लाज्मा डोनेट करें। अहतियात के तौर पर आक्सीजन सिलेंडर जमा करने वाले जरूरतमंदों को दें, जो सदका-ए जरिया है।

अखिल भारतीय इमाम संगठन मुख्य इमाम डॉ. इमाम उमेर अहमद इलयासी ने संजयनगर में डॉ. मोइनुद्दीन के यहां दैनिक जागरण से विशेष वार्ता की। उन्होंने कहा कि जो लोग इस वक्त कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं उनके लिए अल्लाह से दुआ करें और जो कोरोना से उबर चुके हैं वह किसी की जिदगी बचाने के लिए अपना प्लाज्मा डोनेट करें। आपके प्लाज्मा देने से किसी की जान बचती है वह किस मजहब का है कोई फर्क नहीं पड़ता। बस इंसानियत को बचाएं। पूरे मुल्क के अंदर जो हालात हैं उसमें हम सभी मिलकर कोरोना वायरस से लड़ेंगे इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। रमजान के मुबारक मौके पर हम सब मिलकर जब दुआ करते हैं तो इसके नतीजे बेहतर ही आते हैं।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने आक्सीजन सिलेंडर आने वाली मुसीबत को देखते हुए घरों में रख लिए हैं। कि कल अगर बीमार होंगे तो जरूरत में काम आएंगे। अल्लाह न करे किसी को इसकी जरूरत पड़े। ऐसे लोगों से उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अगर किसी के पास आक्सीजन सिलेंडर हो तो जरूरतमंद को दीजिए, जो सदका माना जाएगा। आज खुद भी बचें और दूसरों को भी बचाएं। यही सबसे बड़ी इबादत है।

chat bot
आपका साथी