येलो फंगस पर डाक्टरों में उलझन

जासं गाजियाबाद येलो फंगस (म्यूकरसेप्टिकस) का दुनिया में पहला मरीज मिलने के दावे के बीच जि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 05:47 PM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 05:47 PM (IST)
येलो फंगस पर डाक्टरों में उलझन
येलो फंगस पर डाक्टरों में उलझन

जासं, गाजियाबाद : येलो फंगस (म्यूकरसेप्टिकस) का दुनिया में पहला मरीज मिलने के दावे के बीच जिले के चिकित्सकों की अलग-अलग राय सुनने को मिल रही है। कोई कह रहा है कि फंगस के कई रूप होते हैं। हो सकता है कि येलो फंगस का मरीज मिला हो तो वहीं कई चिकित्सक इसे खारिज कर रहे हैं। हालांकि आधिकारिक रूप से कोई भी चिकित्सक इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है।

जिले में सोमवार को निजी अस्पताल में भर्ती संजयनगर निवासी कुंवर सिंह में ब्लैक फंगस (म्यूकरमायकोसिस), व्हाइट फंगस (एस्परजिलोसिस) के साथ एक और फंगस के संक्रमण की बात कही गई थी। कुंवर का इलाज कर रहे डॉ. बीपी त्यागी ने इसे येलो फंगस का नाम दिया था। इसके बाद से ही जिले के डाक्टरों में सुगबुगाहट शुरू हो गई। चिकित्सक का कहना है कि यदि फंगस की पुष्टि के जरूरी सभी जांच की गई हैं और उसके बाद इसे येलो फंगस बताया गया है तो फिर चर्चा की जरूरत नहीं है। उनके मुताबिक चिकित्सकों को राय देने से से पहले रिपोर्ट जरूर देखनी चाहिए। उधर डॉ. बीपी त्यागी का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण भी एक जीव से ही शुरू हुआ था। येलो फंगस का संक्रमण छिपकली में होता है। उन्होंने येलो फंगस के केस बढ़ने की आशंका जताई है। इस मरीज की रिपोर्ट अभी तक नहीं देखी हैं। मैंने इस फंगस के बारे में कुछ पढ़ा भी नहीं है। इसलिए फिलहाल कुछ स्पष्ट रूप से नहीं कह सकता।

- डॉ. आशीष अग्रवाल, अध्यक्ष, आइएमए।

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