अधिकारी न छोड़ें साथ, मिल-जुलकर कोरोना को देंगे मात

अभिषेक सिंह गाजियाबाद कोरोना महामारी ने जिस तरह लोगों को अपनी चपेट में लिया। मरीजों औ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 05:11 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 05:11 PM (IST)
अधिकारी न छोड़ें साथ, मिल-जुलकर कोरोना को देंगे मात
अधिकारी न छोड़ें साथ, मिल-जुलकर कोरोना को देंगे मात

अभिषेक सिंह, गाजियाबाद : कोरोना महामारी ने जिस तरह लोगों को अपनी चपेट में लिया। मरीजों और मृतकों की संख्या बढ़ी तो इसे आपदा का नाम दिया जाने लगा। आपदा में जिले के लोगों को स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों से बड़ी उम्मीदें हैं। लेकिन जब कोई मरीज या उसका तीमारदार फोन करता है तो जवाब न मिलने पर मायूसी हाथ लगती है। ऐसे लोगों की मदद के लिए जिले के लोग सामने आ रहे हैं। आपस में ही मददगारों की चेन बनाकर प्लाज्मा, दवा, खाना, खाली सिलेंडर का इंतजाम कर रहे हैं। इससे लोगों को थोड़ी राहत मिल रही है, लेकिन मददगारों को भी जिला प्रशासन का साथ चाहिए, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर सकें। ऐसे बन रही मददगारों की चेन:

वैशाली में रहने वाले अनुराग कोरोना संक्रमित हैं। उनकी पत्नी गर्भवती हैं। संक्रमित होने के कारण अनुराग और गर्भवती होने के कारण उनकी पत्नी दवा लेने के लिए घर से बाहर नहीं जा सकती थीं। जिला प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर से भी उनको मदद नहीं मिली तो दिल्ली निवासी अपने रिश्तेदार प्रदीप को बताया। दिल्ली में लॉकडाउन होने के कारण रिश्तेदार भी गाजियाबाद नहीं आ सकते थे, ऐसे में फेसबुक पर जुड़े गाजियाबाद के चार लोगों से प्रदीप ने अनुराग की मदद करने के लिए कहा। तीन लोगों ने मदद न कर पाने का अलग-अलग कारण बताया लेकिन चौथे व्यक्ति भूपेंद्र मदद के लिए राजी हुए। वह अनुराग के घर जाकर दवा दे आए। इससे परिवार को राहत मिली। ऐसे मुहैया करवा रहे सिलेंडर

व्यापारी एकता समिति के सदस्य सचिन गुलाटी के पिता की तबीयत खराब हुई। उनका आक्सीजन सेचुरेशन लेवल नीचे गिरने लगा। ऐसे में उनको आक्सीजन वाले सिलेंडर की आवश्यकता हुई। मदद के लिए अपील की तो व्यापारी एकता समिति के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता मदद के लिए आगे आए और आक्सीजन से भरा सिलेंडर मुहैया करवाया। प्रदीप ने बताया कि इसी तरह उनके पास दिल्ली स्थित रोहिणी से जरूरतमंद का फोन आया तो वहां भी अपने संपर्क के लोगों से मदद की अपील की। जरूरतमंद को समय पर आक्सीजन का सिलेंडर मिल गया। इस तरह मरीजों की जान बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

निश्शुल्क भोजन और चिकित्सकीय परामर्श:

इंदिरापुरम की आइआरएस सोसायटी निवासी डॉ. सपना बंसल दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वह इन दिनों शहर में जरूरतमदों के लिए निश्शुल्क भोजन की व्यवस्था करती है। यह मदद न केवल होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों बल्कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी दी जा रही है। इसके अलावा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए ऑनलाइन चिकित्सकीय परामर्श की व्यवस्था भी करवा रही हैं। उन्होंने बताया कि इन सुविधाओं के लिए उन्होंने अपने साथ के लोगों को जोड़ा और टीम बनाई। किसी ने पैसे से मदद की तो किसी ने संसाधन दिए तो किसी ने डॉक्टर उपलब्ध करवाने में सहायता की है।

एक व्यक्ति की मदद में जुटते हैं 200 से अधिक लोग

वसुंधरा में रहने वाली रचना शाही ने जरूरतमंदों की मदद के लिए कोविड हेल्प लाइन नाम से वाट्सएप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप पर वह जरूरतमंद की जानकारी साझा करती हैं। लोगों से मदद की अपील करती हैं। ग्रुप में जुड़े 200 से अधिक लोग जब एक साथ मिलकर जरूरतमंद के लिए प्रयास करते हैं तो मरीज की जान बचाने के लिए प्लाज्मा, दवा और सिलेंडर मिल जाता है। उनको यह ग्रुप बनाए एक सप्ताह का समय हो गया है और अब तक सौ से अधिक लोगों की मदद हो चुकी है।

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