बीओटी और पीपीपी पर परियोजनाएं बनाने को तैयार नहीं विकासकर्ता
शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए जीडीए बीओटी और पीपीपी पर कई परियोजनाएं तैयार कराना चाहता है। कोई विकासकर्ता इन परियोजनाओं पर बीओटी पर काम करने के लिए तैयार नहीं है। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि रियल एस्टेट का बाजार कमजोर होने के कारण विकासकर्ता किसी भी परियोजना में हाथ नहीं डाल रहे।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए जीडीए बीओटी और पीपीपी पर कई परियोजनाएं तैयार कराना चाहता है। कोई विकासकर्ता इन परियोजनाओं पर बीओटी पर काम करने के लिए तैयार नहीं है। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि रियल एस्टेट का बाजार कमजोर होने के कारण विकासकर्ता किसी भी परियोजना में हाथ नहीं डाल रहे। विकासकर्ताओं भी इस कथन से सहमत है, लेकिन वह यह भी मानते हैं कि लागत वसूली की शर्तें जटिल होने की वजह से भी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता।
ट्रांसपोर्ट नगर, साइबर हब, जोनल रोड और एलिवेटेड रोड पर सोलर सिस्टम लगवाने के लिए जीडीए ने बीओटी के लिए आवेदन मांगे थे। पिछले एक साल से यह प्रक्रिया जारी है। उसके बावजूद अब तक इन चारों परियोजनाओं के लिए कोई भी आगे नहीं आया। एलिवेटेड रोड पर सोलर सिस्टम लगाने में करीब 20 करोड़ रुपये की लागत का आकलन किया गया था। एक कंपनी ने हाथ बढ़ाने का प्रयास किया। लेकिन, उससे बनने वाली बिजली की बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व में जीडीए ने बड़ा हिस्सा मांग लिया। कंपनी इस शर्त के कारण परियोजना से दूर हो गई। फिर कोई कंपनी आगे नहीं आई। पीपीपी मॉडल के तहत ट्रांसपोर्ट नगर के लिए भी तीन बार आवेदन मांगे जा चुके हैं। कोई आगे नहीं आया। साइबर हब और जोनल रोड के लिए विकासकर्ता आगे नहीं आए। जबकि, कई लुभावने ऑफर जीडीए ने दिए। परियोजनाओं को बीओटी पर बनवाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। यह बात सही है कि विकासकर्ता बहुत ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे। इसके कई कारण हो सकते हैं। जिसमें रियल एस्टेट सेक्टर की कमजोर स्थिति बड़ी वजह है।
- संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए