प्रदर्शनकारियों को यूपी गेट से हटाने की मांग बढ़ी

जागरण संवाददाता साहिबाबाद कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली का रास्ता रोककर यूपी गेट प

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 07:11 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 07:11 PM (IST)
प्रदर्शनकारियों को यूपी गेट से हटाने की मांग बढ़ी
प्रदर्शनकारियों को यूपी गेट से हटाने की मांग बढ़ी

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली का रास्ता रोककर यूपी गेट पर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। लोग उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, बुधवार को प्रदर्शन स्थल पर सन्नाटा पसरा रहा। लोगों में गुस्सा : फेडेरेशन आफ एओए गाजियाबाद के ट्विटर हैंडल से बुधवार दोपहर सवा दो बजे एक ट्वीट किया गया। उसमें लिखा गया कि चलो एनएच-24 (यूपी गेट) को किसानमुक्त और ट्रैफिकयुक्त कराएं। गाजियाबाद से दिल्ली का आवागमन सुगम बनाएं। टैक्स भरो, मरते रहो। एनएच-नौ पर गाड़ी चलाने का सपना अधूरा न रह जाए। इसे काफी लोगों ने रिट्वीट किया। रास्ता बंद होने को गलत बताते हुए अपनी पीड़ा बयां की। बतौर बानगी संजय कुमार झा लिखते हैं कि एक साल से सुबह-शाम जाम में फंसते हैं। गंभीर मरीज भी समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं। आजादी, जाम और किसानों के धरने से आजादी।

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व्यापार मंडल ने की मांग : इंदिरापुरम व्यापार मंडल ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग की है। पदाधिकारियों ने कहा है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय ले लिया है तो प्रदर्शन क्यों चल रहा है। प्रदर्शन की वजह से लाखों लोग परेशान हो रहे हैं। आसपास का जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

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दो लाख वाहन चालक परेशान : यूपी गेट पर 28 नवंबर 2020 से प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शनकारियों का यहां दिल्ली जाने वाले रास्तों पर कब्जा है। इसकी वजह से यहां से हर दिन गुजरने वाले करीब दो लाख वाहनों का रूट डायवर्ट किया गया है। उन्हें काफी बड़ा चक्कर लगाना पड़ रहा है। इससे ईंधन व समय बर्बाद हो रहा है।

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पसरा रहा सन्नाटा : बुधवार को यूपी गेट पर प्रदर्शनकारियों के टेंट लगे रहे। फ्लाईओवर के नीचे कुछ प्रदर्शनकारी दिखे। ज्यादातर टेंट खाली रहे। ऊपर और सर्विस रोड पर सन्नाटा पसरा रहा। शाम को संयुक्त किसान मोर्चा के यूपी गेट प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्रीय मंत्रीमंडल ने अपनी स्वीकृत दे दी है। यह स्वागत योग्य है। 27 नवंबर को सिघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आंदोलन के स्वरूप और भावी रणनीति पर विचार-विमर्श के बाद अगला निर्णय लिया जाएगा।

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प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है। किसानों को अब दिल्ली का रास्ता खोल देना चाहिए।

- किशोर ठाकुर, व्यापारी नेता

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दिल्ली का रास्ता बंद होने से बहुत परेशानी हो रही है। किसानों की मांग पूरी हो चुकी है। उन्हें आम नागरिकों की परेशानियों को देखते हुए रास्ता खोल देना चाहिए।

- दीपक कुमार, इंदिरापुरम

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