जाम से निजात दिलाने को बने डेडिकेटेड कंट्रोल रूम
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि प्रदेश में लखनऊ, बनारस और कानपुर समेत चंद जिलों को छोड़कर और कहीं भी यातायात और अपराध के लिए अलग कंट्रोल रूम की व्यवस्था नहीं है। एसएसपी ने बताया कि अभी तक जिले में शहर क्षेत्र के लिए एक ही कंट्रोल रूम होता था, जिस पर क्राइम और यातायात दोनों ही की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता था। पिछले कुछ समय से ऐसा देखा गया है कि ट्रैफिक की सूचनाओं पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसकी वजह थी कि अपराध और यातायात से जुड़ी दोनों सूचनाएं का एक ही माध्यम था। वहीं शहर में यातायात की समस्या भी लगातार बढ़ रही है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए पुलिस ने दो डेडिकेटेड कंट्रोल रूम बनाए हैं, जो पूरी तरह से सिर्फ यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए काम करेंगे। नगर कोतवाली में टीसी-1 और साहिबाबाद में टीसी-2 खोला गया है। सहायक रेडियो अधिकारी(एआरओ) राजकुमार ¨सह को इनकी कमान सौंपी गई है।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी और कानपुर समेत चंद जिलों को छोड़कर और कहीं भी यातायात और अपराध के लिए अलग कंट्रोल रूम की व्यवस्था नहीं है। एसएसपी ने बताया कि अभी तक जिले में शहर क्षेत्र के लिए एक ही कंट्रोल रूम होता था, जिस पर क्राइम और यातायात दोनों ही की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता था। पिछले कुछ समय से ऐसा देखा गया है कि ट्रैफिक की सूचनाओं पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसकी वजह थी कि अपराध और यातायात से जुड़ी दोनों सूचनाएं का एक ही माध्यम था। वहीं शहर में यातायात की समस्या भी लगातार बढ़ रही है। इसके मद्देनजर कोतवाली और साहिबाबाद में यातायात संभालने के लिए दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। वायरलेस सेट आधारित इन कंट्रोल रूम पर सिर्फ यातायात की ही सूचनाएं भेजी जाएंगी। वीआइपी मूवमेंट के समय भी यातायात संभालने में इससे प्रभावी मदद मिलेगी। एआरओ राजकुमार ¨सह दोनों कंट्रोल रूम की कमान संभाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि वायरलेस सेट से यातायात पुलिसकर्मी हर जगह की रिपोर्ट देते रहेंगे। जहां से भी यातायात में अव्यवस्था या जाम की सूचना मिलेगी, वहां तुरंत जरूरत के हिसाब से फोर्स भेजी जाएगी।