संस्कार और अनुशासन से हर लक्ष्य को पाना आसान : विजय शर्मा

- ओलिंपिक में सिल्वर जीतने वालीं मीराबाई चानू के कोच विजय शर्मा का मोदीनगर में हुआ सम्मान

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 07:40 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 07:40 PM (IST)
संस्कार और अनुशासन से हर लक्ष्य को पाना आसान : विजय शर्मा
संस्कार और अनुशासन से हर लक्ष्य को पाना आसान : विजय शर्मा

- ओलिंपिक में सिल्वर जीतने वालीं मीराबाई चानू के कोच विजय शर्मा का मोदीनगर में हुआ सम्मान

- मोदीनगर की कैलाश कालोनी में ही रहते हैं विजय शर्मा, सोमवार रात ही टोक्यो से आए थे दिल्ली

फोटो 27मोदी- 5 व 6

संवाद सहयोगी, मोदीनगर :

कोई भी लक्ष्य पाना मुश्किल नहीं है, बस मेहनत पूरी सिद्दत से की हो। किसी भी क्षेत्र में जीत हासिल करने में संस्कार व अनुशासन का विशेष महत्व होता है। आज देश को 21 साल बाद वेटलिफ्टिग में ओलिंपिक पदक मिला है। इसके पीछे मीराबाई चानू की दिन-रात की तपस्या रही है। प्रशिक्षण को उन्होंने तीन भागों में बांटा हुआ था, जिसके लिए दिन में तीन शेड्यूल बनाए गए। तैयारी तो गोल्ड की थी, लेकिन मीराबाई की तबीयत बिगड़ने से सिल्वर ही जीत सकीं। लेकिन, अगली बार देश को गोल्ड जरूर मिलेगा। ये बातें मंगलवार को अंतराष्ट्रीय वेटलिफ्टिग टीम के कोच विजय कुमार शर्मा मोदीनगर के एक प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में बता रहे थे। उन्होंने कहा कि मोदीनगर में भी प्रतिभा की कमी नहीं है। यहां के खिलाड़ी विश्वस्तर पर देश का नाम रोशन करने की काबिलियत रखते हैं।

कार्यक्रम का आयोजन गाजियाबाद वेटलिफ्टिग एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. पवन सिंहल ने किया। मुख्य अतिथि विधायक डॉ. मंजू शिवाच व कथावाचक अरविद ओझा रहे। तीनों ने संयुक्त रूप से विजय शर्मा को गुलदस्ता देकर स्वागत किया। इसके बाद शाल ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान विधायक ने कहा कि पूर्व की सरकारों में खिलाड़ियों को सुविधाएं नहीं मिलती थी। यही वजह थी कि देश की प्रतिभा यहीं तक सीमित रह जाती थी। लेकिन, भाजपा सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाएं चलाई। इसी का परिणाम है कि आज खेलों में देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमें बचपन से ही बच्चों के पोषण पर विशेष खयाल रखना चाहिए, ताकि उनका शरीर विकसित हो सके, वे आगे चलकर देश का नाम रोशन करें। वहीं, डॉ. पवन सिंहल ने विजय शर्मा के संघर्ष पर विचार डाला। उन्होंने कहा कि मोदीनगर की धरती खिलाड़ियों की धरती रही है। यहां चार स्टेट लेवल व एक नेशनल लेवल की प्रतियोगिता हो चुकी है। विजय शर्मा से खिलाड़ियों को सीख लेने की जरूरत है। विजय शर्मा की वजह से आज मोदीनगर का नाम पूरे विश्व में ऊंचा हुआ है। उन्होंने कहा कि विजय शर्मा की इस उपलब्धि के पीछे बड़ा त्याग रहा है। मीराबाई को प्रशिक्षण देने के दौरान वे पिछले चार सालों से परिवार से दूर पटियाला में ही रहे। साल में एक या दो बार ही वे घर आए। वहीं, कार्यक्रम के दौरान शहर के गणमान्य लोगों ने विजय शर्मा को माला पहनाकर बधाई दी। मंच संचालन इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन मोदीनगर के चेयरमैन मुकेश गर्ग ने किया। इस मौके पर स्वदेश जैन, नवीन जायसवाल, रोहित अग्रवाल, महेश तायल, डॉ. अनुज अग्रवाल के अलावा बड़ी संख्या में खिलाड़ी उपस्थित रहे।

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चोट तोड़ती हैं उम्मीदें लेकिन मीरा ने नहीं छोड़ा हौसला

- विजय शर्मा ने बताया कि वेटलिफ्टिग प्रशिक्षण में चोट लगना आम बात है। लेकिन, बहुत से खिलाड़ी चोट लगने पर डिप्रेशन में आ जाते हैं। वे करियर की उम्मीद छोड़ देते हैं। लेकिन मीराबाई में हौसला अन्य खिलाड़ियों से बहुत ज्यादा है। कई बार उन्हें चोटें आई, लेकिन उन्होंने पदक की उम्मीद नहीं छोड़ी। चोट में भी वे प्रशिक्षण नहीं छोड़ती थी। मेहनत और लगन का ही परिणाम रहा कि आज पूरे विश्व में उनका नाम ऊंचा हुआ है।

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खेलने के लिए बच्चों को करें प्रेरित

- विजय शर्मा ने लोगों से अपने बच्चों को खेलने के लिए प्रेरित करने के

लिए कहा। उन्होंने कहा कि स्वजन का दायित्व बनता है कि वे बच्चों में खेल की भावना को जाग्रत करें। खेल से शारीरिक के साथ मानसिक रूप से व्यक्ति मजबूत होता है। बीमारियां भी शरीर से दूर रहती हैं।

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सोमवार रात ही आए थे मोदीनगर

टोक्यो ओलंपिक से सोमवार रात ही मीराबाई चानू के साथ विजय शर्मा

दिल्ली पहुंचे थे। वहां से देर रात विजय शर्मा मोदीनगर पहुंचे। यहां

मोदीनगर के कैलाश कालोनी में ही उनका आवास है।

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