देसी हटा, अब इलेक्ट्रानिक तराजू से मिलेगा राशन

जासं गाजियाबाद जिले में अब पुराने जमाने की तराजू से राशन नहीं तौला जाएगा। प्रत्येक राशन डीलर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 06:36 PM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 06:36 PM (IST)
देसी हटा, अब इलेक्ट्रानिक तराजू से मिलेगा राशन
देसी हटा, अब इलेक्ट्रानिक तराजू से मिलेगा राशन

जासं, गाजियाबाद : जिले में अब पुराने जमाने की तराजू से राशन नहीं तौला जाएगा। प्रत्येक राशन डीलर की दुकान पर इलेक्ट्रानिक तराजू लगाए जाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सर्वे में पाया गया था कि पचास से अधिक दुकानों पर पुराने जमाने के तराजू एवं बाट से राशन तौलकर कार्ड धारकों को दिया जा रहा था। इन दुकानों से पुराना तराजू हटवाकर इलेक्ट्रानिक तराजू लगवा दिए गए हैं। जांच में यदि पुराना तराजू अब भी पाया गया तो दस हजार रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही लाइसेंस निलंबित किए जाने की कार्रवाई की जाएगी। जिले में 573 राशन की दुकानों से हर महीने सवा चार लाख राशन कार्ड धारकों को राशन दिया जाता है।

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साढ़े आठ हजार मीट्रिक टन राशन होता है वितरित

जिले के सवा चार लाख राशन कार्ड धारकों को प्रति माह करीब साढ़े आठ हजार मीट्रिक टन राशन वितरित होता है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक राशन डीलर इसी राशन में घटतौली करके कार्ड धारकों के हक को चट कर रहे थे। कोरोना काल में घटतौली करने और दुकान समय पर न खोलने के आरोप में 55 राशन डीलरों पर जुर्माना लगाया गया है। 25 से अधिक दुकानों के लाइसेंस भी निरस्त किए गए थे।

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राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए व्यवस्थाओं में बेहतर सुधार का प्रयास किया जा रहा है। पुराना तराजू लगाकर राशन तौलने वालों पर सख्ती कर दी गई है। सर्वे में पाया गया कि लोनी, खोड़ा, मुरादनगर, डासना और रजापुर में पचास से अधिक दुकानों पर तराजू के साथ बाट भी पुराने ही उपयोग किए जा रहे थे। सर्वे रिपोर्ट के बाद नया इलेक्ट्रानिक तराजू लगवा दिया गया है।

-डॉ. सीमा, जिला पूर्ति अधिकारी

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