जिनके अपने हैं दूर उनके लिए मददगार बनीं बरनाली
विवेक त्यागी गाजियाबाद कोरोना संक्रमण के दौर में जिन बुजुर्गो के अपने दूर हैं या जो लोग क
विवेक त्यागी, गाजियाबाद :
कोरोना संक्रमण के दौर में जिन बुजुर्गो के अपने दूर हैं या जो लोग कोरोना संक्रमित हो गए हैं और उनके सामने खाने पीने का संकट हैं। ऐसे लोगों के लिए क्रासिग रिपब्लिक स्थित जीएच-सात सोसायटी में रहने वाली बरनाली भट्टाचार्य मददगार बनकर उनकी सेवा में जुटी हैं। वह ऐसे लोगों तक प्रतिदिन सुबह-शाम खाना पहुंचाती हैं। वर्तमान में वह प्रतिदिन 25-30 लोगों तक सुबह-शाम का खाना पहुंचा रही हैं। इसके अलावा जिन्हें दवा की जरूरत होती है उन्हें दवा भी पहुंचाती हैं।
सुबह-शाम फोन कर पूछती हैं हालचाल
अकेले रहने वाले बुजुर्गो व संक्रमित लोगों को बरनाली भट्टाचार्य हर दिन सुबह व शाम फोन करती हैं। इसे उन्होंने अपने जीवन में दैनिक रूटीन का हिस्सा बना लिया है। गत 20 अप्रैल से वह लगातार ऐसा कर रही हैं। फोन पर बातचीत के दौरान हालचाल पूछने के बाद वह बुजुर्गो व संक्रमितों के जरूरत के सामान के बारे में पूछती हैं और जिस सामान की जरूरत होती हैं। वह उसे खरीदकर उन तक पहुंचाती हैं। बीते वर्ष भी लोगों को बांटा था सूखा राशन व खाना
पेशे से शिक्षिका बरनाली भट्टाचार्य ने गत वर्ष लाकडाउन के दौरान भी जरूरतमंदों की आगे बढ़कर मदद की थी। उन्होंने जरूरतमंदों को सूखा राशन व खाना बांटा था। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर से अपने मूल निवास की तरफ जा रहे लोगों को खाने के पैकेट व फलों के साथ दवाइयां बांटी थीं।