गली-मोहल्ले में चल रहे हैं ' मौत' के कारखाने

ट्रांस हिडन के रिहायशी इलाकों में स्थित तमाम घरों में अवैध रूप से कारखाने चल रहे हैं। उनमें सीट कवर जींस बैटरी हेलमेट रेडीमेड कपड़े नमकीन आदि बनाए जाते हैं। सुरक्षा उपाय नहीं होने के कारण उनमें अक्सर हादसे होते हैं। लोगों की जान जाती है। बावजूद इसके प्रशासन कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 08:32 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 09:15 PM (IST)
गली-मोहल्ले में चल रहे हैं ' मौत' के कारखाने
गली-मोहल्ले में चल रहे हैं ' मौत' के कारखाने

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : ट्रांस हिडन के रिहायशी इलाकों में स्थित तमाम घरों में अवैध रूप से कारखाने चल रहे हैं। उनमें सीट कवर, जींस, बैटरी, हेलमेट, रेडीमेड कपड़े, नमकीन आदि बनाए जाते हैं। सुरक्षा उपाय नहीं होने के कारण उनमें अक्सर हादसे होते हैं। लोगों की जान जाती है। बावजूद इसके प्रशासन कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह चल रहे हैं अवैध कारखाने : खोड़ा, राजीव कालोनी, पसौंडा, शहीद नगर, गरिमा गार्डन, ओम नगर, विक्रम एंक्लेव, बाला जी विहार, अर्थला, लोनी आदि घनी आबादी वाले इलाकों में अवैध तरीके से जींस, जैकेट, शर्ट, बैटरी, बैग, वाहनों के कवर, हेलमेट आदि बनाने का काम चल रहा है। इन क्षेत्रों में इन कामों ने कुटीर उद्योग का रूप ले लिया है। सुरक्षा के उपाय नहीं : छोटे-छोटे कमरों में आठ से 10 लोग काम करते हैं। निकासी का एक ही रास्ता होता है। धुआं आदि निकलने की व्यवस्था नहीं रहती है। संकरी गलियों में स्थित ऐसे मकानों में जब आग लगती है, तो बचाव कार्य में भी दिक्कतें आती हैं। ध्यान नहीं दे रहे विभाग : अवैध कारखानों में बिजली और पानी का कनेक्शन रहता है। कारखानों से प्रदूषण फैलता है। गंदगी होती है। आग लगने का खतरा बना रहता है। विद्युत निगम, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अग्निशमन विभाग, थाना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। यहां हो चुके हैं हादसे :

- 31 जनवरी, 2021 को ट्रानिका सिटी स्थित अल्फा इंड्रस्टी में आग लगने से दो कर्मचारियों की मौत।

- 10 दिसंबर, 2019 को राजीव नगर में कबाड़ के गोदाम में आग लगने से चार घरों की दीवार ढही, दर्जन भर घरों की दीवारों में पड़ा दरार।

- 27 अक्टूबर, 2018 को गढ़ी सबलू गांव स्थित पटाखा गोदाम में लगी थी आग।

- 28 अप्रैल, 2017 को फर्रूखनगर के पटाखा गोदाम में आग लगने से पांच लोगों की मौत।

- 10 अक्टूबर, 2017 ओम नगर, मोहन नगर में अवैध तरीके से चल रहे इलेक्ट्रानिक सामान के कारखाने में लगी आग से मालिक झुलसा।

- 18 नवंबर, 2017 को खोड़ा कालोनी में हेलमेट के अवैध कारखाने में लगी आग, दो झुलसे।

- 28 अक्टूबर, 2016 को फर्रूखनगर के पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से इमरान की मौत।

- 11 नवंबर, 2016 को शहीद नगर में अवैध रूप से चल रहे जैकेट के कारखाने में लगी आग से 13 कारीगरों की मौत। जिले के उद्योगों पर एक नजर :

- गाजियाबाद में औद्योगिक क्षेत्र की संख्या - 11

- औद्योगिक इकाइयां - पांच हजार

- कुटीर व घरेलू उद्योग - 15 हजार

- खतरनाक श्रेणी की औद्योगिक इकाइयां - 425

- एनओसी लेने वाली औद्योगिक इकाइयां - सौ से कम। साल - अग्निकांड - लोगों की जान बची

2014 - 873 - 80

2015 - 784 - 90

2016 - 907 - 56

2017 - 1071 - 175

2018 - 1264 - 59

2019 - 1143 - 91

2020- 910 - 72

2021 - 631 - 51

नोट : 2021 का आंकड़ा 30 सितंबर तक है। अग्निशमन विभाग गाजियाबाद में मानव संसाधन :

पद - स्वीकृत - उपलब्ध - रिक्त

मुख्य अग्निशमन अधिकारी - एक - एक - 0

अग्निशमन अधिकारी - चार - तीन - एक

अग्निशमन अधिकारी द्वितीय - आठ - दो - छह

लीडिग फायरमैन - 18 - 17 - एक

फायर सर्विस चालक - 22 - 25 - तीन अतिरिक्त

फायरमैन - 112 - 73 - 39 अग्निशमन विभाग गाजियाबाद में मशीनरी संसाधन :

मशीन - स्वीकृत - उपलब्ध - रिक्त

फोम टेंडर - दो - दो - 0

वाटर बाउजर - दो - एक - एक

वाटर टेंडर टाइप बी बड़ा - छह - सात - एक अतिरिक्त

वाटर टेंडर टाइप बी छोटा - छह - चार - दो

हाइड्रोलिक प्लेटफार्म - 0 - एक - एक अतिरिक्त

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