सांसों के मरीजों के लिए प्रदूषण का 'क‌र्फ्यू'

हसीन शाह साहिबाबाद प्रदूषण की खतरनाक स्थिति सांस के मरीजों पर भारी पड़ रही है। सा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:26 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:26 PM (IST)
सांसों के मरीजों के लिए प्रदूषण का 'क‌र्फ्यू'
सांसों के मरीजों के लिए प्रदूषण का 'क‌र्फ्यू'

हसीन शाह, साहिबाबाद : प्रदूषण की खतरनाक स्थिति सांस के मरीजों पर भारी पड़ रही है। सांस के मरीज एक माह से अधिक समय से घर में कैद होने के लिए मजबूर हैं। मरीजों को घर में कमरे से बाहर निकलने पर भी मास्क लगाना पड़ रहा है। ग्रेप को सख्ती से लागू नहीं करने पर एक्यूआइ खतरनाक स्थिति में बना हुआ है। शनिवार को एक्यूआइ 366 दर्ज किया गया। जबकि शुक्रवार को यह 374 था। एनसीआर में अक्टूबर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया गया है। पहले ही दिन से ही जिम्मेदार विभाग ग्रेप को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दिये थे। ग्रेप के प्रति उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अधिकारी भी उदासीन रहे। ग्रेप से पहले जिले में प्रदूषण फैलाने वाले 10 हाट स्पाट चिह्नित किए गए थे। टूटी सड़कें, धूल उड़ने, जाम, निर्माण कार्य, कूड़ा जलाने, औद्योगिक इकाइयों से होने वाले प्रदूषण के आधार पर इन स्थानों को हाट स्पाट बनाया गया था। डीएम राकेश कुमार सिंह की ओर 18 विभागों को नोटिस जारी कर प्रदूषण की रोकथाम के लिए काम करने का निर्देश दिया था। जो स्थान चिह्नित किए गए थे, उन पर प्रदूषण नहीं रुका। नगर निगम मशीनों से मदद से सड़कों से धूल हटाने व पानी का छिड़काव का काम कर रहा है लेकिन यह सब नाकाफी है। छाई रही धुंध : शनिवार सुबह लोग सोकर उठे तो वायुमंडल में धुंध छाई हुई थी। लोगों ने आंखों में जलन महसूस की। न केवल इंसान वल्कि जानवर और पक्षी भी प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। जगह-जगह खुले में कूड़ा जलाया जा रहा है। निर्माण सामग्री खुले में रखी हुई है। प्रदूषण फैला रही इकाइयों को प्रशासन की कार्रवाई का डर नहीं है। अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अभी सांस के रोगियों को बाहर नहीं निकलना है। अस्पताल में सांस के रोगियों की संख्या दोगुनी हो गई है। प्रदूषण सांस के जरिये फेफड़ों में चला जाता है। रोगी एन 95 मास्क का इस्तेमाल करें।

- डा. अमृत गोयल, फेफड़ा रोग विशेषज्ञ, ले क्रिस्ट अस्पताल, वसुंधरा प्रदूषण की वजह से मैं महीने में एक या दो बार ही घर से बाहर निकला हूं। हमें प्रदूषण से परेशानी हो रही है। प्रदूषण रोकने के नाम पर प्रशासन खानापूरी कर रहा है।

- वीके मित्तल, अध्यक्ष कारवा पांच दिन में प्रदूषण की स्थिति :

दिन एक्यूआइ

23 नवंबर : 268

24 नवंबर : 367

25 नवंबर : 362

26 नवंबर : 374

27 नवंबर : 366 शाम पांच बजे जिले में क्षेत्रवार एक्यूआइ

क्षेत्र : एक्यूआइ

वसुंधरा : 364

इंदिरापुरम : 335

संजय नगर : 317

लोनी : 447 जिलेवार एक्यूआइ

जिला : एक्यूआइ

गाजियाबाद : 366

फरीदाबाद : 418

ग्रेटर नोएडा : 350

गुरुग्राम : 360

नोएडा : 382

दिल्ली : 402

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