बैनामे के नाम पर बेईमानी
----- जागरण संवाददाता गाजियाबाद जिले में बिल्डरों ने भूमि की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े का न
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जिले में बिल्डरों ने भूमि की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े का नया तरीका खोज निकाला है। इसके तहत बिल्डर गांवों की आवासीय भूमि को कृषि भूमि दिखाकर बैनामा करा रहे हैं। गलत भूमि दिखाकर बैनामा कराने से सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है। जिले के सभी तहसीलों के अधिकांश गांवों में यह धंधा जोरों पर चल रहा है लेकिन तहसील सदर के गांवों में सबसे अधिक घपला किया जा रहा है। तहसील सदर के गांव शहरों से सटे हुए हैं, इसके चलते यहां मकानों की प्लाटिग तेजी से हो रही है। इसके चलते यहां यह धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। ऐसे मामले संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी ने सब-रजिस्ट्रार कार्यालय को निर्देश जारी किए हैं कि वह जांच के बाद ही इस प्रकार की भूमि की रजिस्ट्री कराएं।
बता दें कि गाजियाबाद के विकास के साथ गांवों का भी तेजी से विकास हुआ है। खासकर तहसील सदर के अंतर्गत आने वाले गांव तेजी से शहरीकरण की तरफ बढ़े हैं। इसके चलते यहां कृषि भूमि पर आवासीय प्लाटिग का काम तेजी से बढ़ा है। छोटे बिल्डर इन जमीनों पर प्लाट काटकर मकान बना रहे हैं। इसके बाद वह स्टांप ड्यूटी से बचने और कम राजस्व देने के लिए नया हथकंडा अपना रहे हैं। खरीदार को मकान बचते समय वह रजिस्ट्री के दस्तावेज में आवासीय भूमि को कृषि भूमि दर्शा रहे हैं। इसके चलते वह सरकार को राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं। मामले संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
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पूर्व में पकड़े गए थे कई मामले
तहसील सदर के अंतर्गत कई गांवों में पूर्व में इस तरह के मामले पकड़े गए थे, जिनमें बिल्डरों ने असली जानकारी छुपाते हुए आवासीय भूमि को कृषि भूमि दर्शाकर बैनामे करा दिए। प्रशासन की पकड़ में मामले आने के बाद बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
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- आवासीय भूमि को कृषि भूमि में दर्शाकर बैनामे कराने की कई शिकायतें संज्ञान में आई हैं। इसके चलते रजिस्ट्रार कार्यालय को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं कि वह जांच कराने के बाद ही बैनामे करें।
अजय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी