असहाय लोगों के जीवन में ज्योति जला रही दीप्ति
मदन पांचाल गाजियाबाद असहाय एवं जरूरतमंद लोगों का उपचार करके उनके जीवन में ज्योति जलाकर द
मदन पांचाल, गाजियाबाद
असहाय एवं जरूरतमंद लोगों का उपचार करके उनके जीवन में ज्योति जलाकर दीप्ति नेक काम कर रहीं हैं। कभी बुजुर्ग तो कभी महिलाओं के दर्द को खुद का दर्द समझकर उसे दूर कर रहीं डा. दीप्ति यादव ने कोरोना काल में पांच हजार से अधिक बीमार महिला एवं पुरुषों का उपचार कर उनको ठीक किया है। लाकडाउन में पांच महिलाओं की डिलीवरी खुद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर की तो विभाग के अफसरों ने भी उनके काम को सराहा। कोविड ड्यूटी में छह महीने काम करने के बाद दीप्ति अब तीन महीने से टीकाकरण में जुटी हुई हैं। 12 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाने के साथ पांच निजी टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन पहुंचाने एवं उसकी निगरानी का काम भी वह कर रहीं हैं।
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स्टाफ को प्रशिक्षण देकर कराई कोरोना की जांच
जुलाई 2020 में कोरोना के केस बढ़ने लगे तो जांच के लिए स्टाफ नहीं मिला। डा. दीप्ति ने एएनएम, आशा और नर्सो को कोरोना जांच का प्रशिक्षण देकर जांच शुरू कर दी। अगस्त, सितंबर, अक्टूबर एवं नवंबर में उन्होंने रजापुर, अवंतिका, प्रतापनगर, महेंद्रा एंक्लेव, शास्त्रीनगर और चिरंजीव विहार के करीब दस हजार लोगों की कोरोना जांच कराई। स्वास्थ्य केंद्र के अलावा कालोनियों में जांच के लिए शिविर भी लगाए गए।
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बाबा की लाडली को पापा ने बनाया डाक्टर
बाबा कोमल सिंह यादव की लाडली दीप्ति को उनके पापा के के यादव ने डाक्टर बनाया है। कानपुर से शिक्षा ग्रहण करने के बाद वह स्वास्थ्य विभाग में आ गई। इस बीच उनकी मां सुशीला यादव ने कभी किचन की तरफ नहीं जाने दिया। 32 वर्षीय दीप्ति बताती हैं कि उनके बाबा ने कभी बेटी नहीं समझा। कहते हैं कि बेटा दीप्ति कैसा है तू। दीप्ति की एक बहन अंकिता और छोटा भाई सानिध्य पूरा सहयोग करते हैं।
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केंद्र पर रोज पहुंच रहे हैं पांच सौ लोग
उनके टीकाकरण केंद्र पर रोज पांच सौ लोग टीका लगवाने पहुंच रहे हैं। केंद्र पर दस लोगों का स्टाफ है। एक सत्र पुरुषों के लिए तो एक महिलाओं के लिए चलाया जा रहा है। कोरोना के केस बढ़ने पर फिर से स्टाफ की ड्यूटी कांटेक्ट ट्रेसिग एवं सर्विलांस में लगा दी गई है। सावधानी बरतते हुए दोनों काम किए जा रहे हैं। एक सप्ताह में ढ़ाई हजार लोगों को टीका लगाया गया है।