हर वार्ड में शुरू होंगे 60-60 लाख रुपये के विकास कार्य

जासं गाजियाबाद नगर निगम मुख्यालय में शनिवार को बोर्ड बैठक में पुनरीक्षित बजट वर्ष 2021-22 पर चर्चा हुई। वार्डों में विकास के लिए पास किए गए 60-60 लाख रुपये के कार्य शुरू न होने पर पार्षदों ने हंगामा किया। नगर निगम मुख्यालय में शनिवार को बोर्ड बैठक में पुनरीक्षित बजट वर्ष 2021-22

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 07:15 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 07:15 PM (IST)
हर वार्ड में शुरू होंगे 60-60 लाख रुपये के विकास कार्य
हर वार्ड में शुरू होंगे 60-60 लाख रुपये के विकास कार्य

जासं, गाजियाबाद: नगर निगम मुख्यालय में शनिवार को बोर्ड बैठक में पुनरीक्षित बजट वर्ष 2021-22 पर चर्चा हुई। वार्डों में विकास के लिए पास किए गए 60-60 लाख रुपये के कार्य शुरू न होने पर पार्षदों ने हंगामा किया। इसके बाद नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने सदन को भरोसा दिया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही शहर के हर वार्ड में 60-60 लाख रुपये के विकास कार्य शुरू करवा दिए जाएंगे। इसकी तैयारी पूरी है। जल्द ही वार्ड आर्डर जारी होंगे।

प्रत्येक जोन में बनेगा खेल का मैदान: नगर निगम द्वारा प्रत्येक जोन में खेल का मैदान, ओपन जिम, पार्क विकसित करने का प्रस्ताव पूर्व में पास हुआ है। इस पर धीमी गति से कार्य किए जाने पर पार्षदों ने नाराजगी जताई। नगर आयुक्त ने जल्द ही कार्य में तेजी लाने का भरोसा दिया है, ताकि अगले चार माह में लोगों को सुविधाएं मिलने लगे।

इंदिरापुरम हैंडओवर किए जाने में विलंब पर हंगामा: बोर्ड बैठक में वार्ड संख्या 100 के पार्षद संजय कुमार ने इंदिरापुरम को जीडीए से नगर निगम को हैंडओवर किए जाने पर हो रहे विलंब के मामले को उठाया गया। आरोप लगाया कि नगर निगम द्वारा जीडीए से इंदिरापुरम को टेकओवर करने से पहले करोड़ों रुपये की जो धनराशि मांगी गई है, उसका निर्धारण ठीक नहीं किया गया है। ज्यादा धनराशि की मांग हो रही है। इससे मामला लंबित है। इस पर अन्य पार्षदों ने भी विरोध जताया। नगर आयुक्त ने बताया कि इंदिरापुरम को हैंडओवर करने का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के आदेश पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

अवस्थापना निधि की शासन से होगी मांग : पार्षद राजेंद्र त्यागी ने गाजियाबाद नगर निगम को शासन से अवस्थापना निधि न मिलने का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि अवस्थापना निधि शासन से प्राप्त करना नगर निगम का अधिकार है। इसके लिए नगर आयुक्त और महापौर द्वारा शासन से पत्राचार किया जाए। यदि बात न बने तो मामले को कोर्ट में लेकर जाएं। इस पर पार्षदों ने सहमति दी है।

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