प्लाटों की आनलाइन नीलामी में घपले का आरोप

जागरण संवाददाता साहिबाबाद वसुंधरा योजना में अवैध निर्माण करवाने के आरोपों के बाद अब उत्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 06:49 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 06:49 PM (IST)
प्लाटों की आनलाइन नीलामी में घपले का आरोप
प्लाटों की आनलाइन नीलामी में घपले का आरोप

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: वसुंधरा योजना में अवैध निर्माण करवाने के आरोपों के बाद अब उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के अधिकारियों पर प्लाटों की नीलामी में गड़बड़ी का आरोप लगा है। आरोप है कि अधिकारियों ने आनलाइन नीलामी (ई आक्शन) के दौरान घपला किया। समय के बाद एक आवेदक की बोली लगवाई और उसके तुरंत बाद नीलामी बंद कर दी। अब आवास आयुक्त ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

परिषद की ओर से 26 नवंबर को वसुंधरा सेक्टर-11 में प्लाट संख्या-सीपी-5 का ई आक्शन किया जाना था। आक्शन में सेफ स्पीड कैरियर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर महेश गुप्ता ने भी हिस्सा लिया। महेश गुप्ता ने बताया कि ये नीलामी सुबह 10 बजे से शुरू हुई और शाम के पांच बजे तक चली। नियमानुसार नीलामी में शुरू से ही हिस्सा लेना होगा। महेश गुप्ता का आरोप है कि वह सुबह से शाम को पांच बजे तक के नीलामी में शामिल रहे। हर चरण में उन्होंने प्लाट के लिए बढ़कर बोली भी लगाई। इसके सारे सबूत उनके पास मौजूद हैं। आरोप है कि नियमानुसार पांच बजे बोली खत्म हो जानी चाहिए थी, जिसकी बोली अधिक थी उनको प्लाट मिल जाना चाहिए था। शाम को पांच बजे बोली बंद भी हो गई मगर अधिकारियों की सांठगांठ के चलते पांच बजकर तीन मिनट और इक्कीस सेकंड पर एक इस प्लाट के लिए एक नई बोली लगा दी गई। परिषद के अधिकारियों ने इस पहली और समय खत्म होने के बाद लगाई गई बोली को उचित मान लिया और प्लाट देर से बोली लगाने वाली संस्था को आवंटित कर दिया। आरोप है कि परिषद के अधिकारियों ने मिलीभगत करके प्लाट का आवंटन कर दिया जोकि पूरी तरह से परिषद के नियमों के ही विपरीत है। पीड़ित ने मामले में आवास आयुक्त और सहायक आयुक्त को शिकायत कर विजिलेंस जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत: पीड़ित के अनुसार यदि परिषद के अधिकारी मामले की जांच नहीं करते तो वे मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे। परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार वसुंधरा योजना में अवैध निर्माण चल रहा है। अब अधिकारी नीलामी में भी घपला करने लगे हैं। ऐसे में लखनऊ स्थित हेडक्वार्टर के अधिकारियों को मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। अधिकारी बोले:

मामले की शिकायत मिली है, जिस साफ्टवेयर से नीलामी होती है वह लखनऊ स्थित हेडक्वार्टर से संचालित होता है। इसके लिए हेडक्वार्टर से डिटेल मांगी जा रही है। अगर नीलामी गलत हुई तो उसे रद करने का अधिकार भी लखनऊ स्थित मुख्यालय के पास है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी। - हेतम पाल, सहायक आवास आयुक्त, आवास विकास परिषद

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