मौतों के बाद जागा प्रशासन, तोड़ीं शराब की भट्टियां

सहारनपुर और हरिद्वार में शराब पीने हुई लोगों की मौत के बाद आखिर प्रशासन की नींद टूट ही गई। शनिवार को पुलिस अधिकारियों ने भूपखेड़ी गांव के जंगल में शराब की भट्टियां ध्वस्त की। अधिकारियों ने आगे भी कार्रवाई करने की बात कही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Feb 2019 08:05 PM (IST) Updated:Sat, 09 Feb 2019 08:05 PM (IST)
मौतों के बाद जागा प्रशासन, तोड़ीं शराब की भट्टियां
मौतों के बाद जागा प्रशासन, तोड़ीं शराब की भट्टियां

संवाद सहयोगी, लोनी : सहारनपुर और हरिद्वार में शराब पीने हुई लोगों की मौत के बाद आखिर प्रशासन की नींद टूट ही गई। शनिवार को पुलिस अधिकारियों ने भूपखेड़ी गांव के जंगल में शराब की भट्टियां ध्वस्त की। अधिकारियों ने आगे भी कार्रवाई करने की बात कही है।

सहारनपुर और उत्तराखंड के हरिद्वार में जहरीली शराब पीने से 47 लोगों की मौत होने के बाद गाजियाबाद पुलिस हरकत में आई है। शनिवार को पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने कोतवाली इलाके के भूपखेड़ी गांव में शराब की अवैध भट्टी ध्वस्त कर दी। हालांकि छापेमारी की भनक लगने पर अवैध कारोबारी मौके से फरार हो गए। टीम ने मिट्टी में दबे 50 ड्रम से लगभग पांच हजार लीटर कच्ची शराब नष्ट कर दिया। कोतवाली प्रभारी ने आगे भी कार्रवाई जारी रखने की बात कही है। घटना के बाद टूटती है नींद

लोगों का आरोप है कि अधिकारियों की घटना के बाद अधिकारियों की नींद टूटती है लेकिन समय बीतने के बाद पुलिस अवैध कारोबारियों को ढील दे देती है। जिससे अवैध कारोबार फलने फूलने लगाता है। कुछ समय पूर्व खोड़ा में जहरीली शराब पीने से पांच मौत होने के बाद अधिकारियों ने एक सप्ताह तक अवैध शराब की भट्टियों पर कार्रवाई की थी। एक सप्ताह बाद अधिकारी फिर ढुलमुल रवैये पर आ गए थे। सहारनपुर और हरिद्वार में जहरीली शराब पीने के बाद फिर अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस की मिली भगत से चल रहा कारोबार

आरोप है कि अवैध शराब के कारोबार को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। जब भी पुलिस छापेमारी करने जाती है। उससे पहले अवैध कारोबारी मौके से फरार हो जाते हैं। पुलिस एक वर्ष के दौरान अवैध शराब बनाने वाले किसी कारोबारी को गिरफ्तार नहीं किया है।

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